Friday, March 26, 2021

मोदी राज में महिलाओं के साथ हिंसा में बढ़ोतरी हुई। राष्ट्रीय महिला आयोग

 कोरोना के कारण लॉकडाउन में महिलाओं के खिलाफ हिंसा में बढ़ोतरी हुई है। राष्ट्रीय महिला आयोग के अनुसार वर्ष 2019 में घरेलू हिंसा के 2960 मामले दर्ज हुए थे, जबकि 2020 में इनकी संख्या बढ़कर 5297 हो गई।

आयोग के अनुसार, 2019 में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के  19,730 मामले दर्ज हुए। वर्ष 2020 में संख्या 23,722 हो गई। लॉकडाउन के एक साल बाद भी आयोग में हर महीने ऐसे दो हजार मामले दर्ज हो रहे हैं। इसमें से एक चौथाई घरेलू हिंसा के हैं। जनवरी से 25 मार्च 2021 तक घरेलू हिंसा की 1463 शिकायतें दर्ज हुई हैं। बीते साल 25 मार्च से लॉकडाउन शुरू हुआ, तो घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाएं, भी प्रताड़ित करने वालाें के साथ फंस गईं। नतीजतन घरेलू हिंसा से जुड़ी शिकायतों की बाढ़ आ गई। 


छह साल में पहली बार इतने केस 

अप्रैल 2020 से अब तक महिलाओं हिंसा के अपराधों की संख्या 25,886 है। इसमें से 5865 घरेलू हिंसा के हैं। सबसे हैरानजनक है कि छह साल में पहली बार वर्ष 2020 में  हिंसा के सर्वाधिक 23,722 मामले दर्ज किए गए। इसमें से एक चौथाई मामले घरेलू हिंसा के हैं। ये आंकड़े वो हैं जो दर्ज हुए, बहुत से ऐसे मामले भी होंगे, जो रिकॉर्ड में नहीं आए। 

जुलाई में रिकॉर्ड 660 केस दर्ज 

लॉकडाउन के साथ घरेलू हिंसा के मामले बढ़े लेकिन जुलाई में रिकॉर्ड 660 मामले दर्ज किए गए। जून से ही हर महीने महिलाओं के प्रति हिंसात्मक मामलों की संख्या दो हजार हो गई थी इसमें से एक चौथाई मामले घरेलू हिंसा से जुड़े थे। 

घरेलू हिंसा बढ़ने के कई कारण 

आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा का कहना है कि आर्थिक असुरक्षा, तनाव का बढ़ता स्तर, घबराहट, वित्तीय चिंता के साथ परिवार से भावनात्मक सहयोग न मिलने के कारण भी ऐसे मामले बढ़े हैं। इस हालात में महिलाओं पर एक ही समय में दबाव बढ़ गया है।

Source- Amar Ujala 

Wednesday, March 24, 2021

PM नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को Love पत्र लिखा - Pak के PM ने क्या जवाब दिया ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान दिवस पर पाकिस्तान के  प्रधानमंत्री इमरान खान को पत्र लिखा है जिसमें  उन्होंने देश पाकिस्तानी लोगों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंधों की इच्छा जताई है।

विदेश कार्यालय के माध्यम से इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग द्वारा प्रधानमंत्री इमरान को इस पत्र से अवगत कराया गया।अपने पत्र में, प्रधानमंत्री मोदी ने ‘पाकिस्तान दिवस’ (22 मार्च)  के अवसर पर पाकिस्तान के लोगों को शुभकामनाएं दीं उन्होंने पात्र में लिखा है के एक पड़ोसी देश के रूप में, भारत पाकिस्तान के लोगों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंधों की इच्छा रखता है, और इसके लिए, विश्वास का वातावरण, आतंक और शत्रुता से रहित,  होना अनिवार्य है।"और आगे उन्होंने  कोरोनो वायरस महामारी की चुनौतियों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री इमरान और पाकिस्तानी लोगों को बधाई दी, इसे "मानवता के लिए कठिन समय" बताया है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ने कहा

 DAWN.COM  की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी के पत्र के जवाब में अपने एक कार्यक्रम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ने कहा, "हम कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भारत को पहला कदम उठाना होगा और जब तक कि वह आगे नहीं बढ़ेंगे " हम आगे नहीं बढ़ सकते। इस्लामाबाद संवाद में अपने भाषण में, प्रधानमंत्री इमरान ने कहा कि कश्मीर मुद्दा पाकिस्तान और भारत के बीच बेहतर संबंधों के रास्ते में अड़चन है।

DAWN.COM  की रिपोर्ट के अनुसार इसी सम्बन्ध में सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा ने भी शांतिपूर्ण तरीके से कश्मीर विवाद को हल करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा: "हमें लगता है कि यह अतीत को दफनाने और आगे बढ़ने का समय है।"



 

प्रधानमंत्री पर भड़के कांग्रेस नेता जगत नेगी का वायरल वीडियो!

 


प्रधानमंत्री सब कुछ बेच कर चले जाएंगे, क्योंकि उन्होंने खुद कहा था कि हम तो झोला उठाकर चल पड़ेंगे. नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में प्रधानमंत्री का उल्लेख देश के यशस्वी प्रधानमंत्री के तौर पर किया है. नेगी बोले कि वे पूछना चाहते हैं कि भूटान, मंगोलिया, मॉरिशस, नेपाल व अफ्रीकी देशों को भारत ने हजारों करोड़ रुपए दिए ।

सरदार पटेल के स्टेच्यू को तीन हजार करोड़, पीएम की विदेश यात्राओं पर 25 हजार करोड़ रुपए और नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम पर भी करोड़ों खर्च किए गए. क्या ऐसा खर्च करने वाली सरकार के प्रधानमंत्री को यशस्वी प्रधानमंत्री कहेंगे।

कांग्रेस के नेता जगत नेगी ने प्रधानमंत्री के लिए क्या-क्या कहा है इस वायरल वीडियो को यहां जरूर देखें। 





Tuesday, March 23, 2021

आश्चर्य और अफसोस की बात पाकिस्तान ने भारत को हैप्पीनेस में पछाड़ दिया। भारत 139वे और पाकिस्तान 105 वे स्थान पर

 मोदी सरकार हमेशा अपने गुणगान गाने के लिए पहचानी जाती है। इसी बीच विश्व हैप्पीनेस की रिपोर्ट के मुताबिक तो भारत को 139 वा स्थान हासिल हुआ है।

भाजपा सरकार हमेशा हर चीज का श्रेय लेना चाहती है परंतु हैप्पीनेस रिपोर्ट पर अभी तक सरकार ने अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। आश्चर्य और अफसोस जनक बात यह है कि विश्व हैप्पीनेस रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान खुशहाली में हम से कहीं ज्यादा आगे।

World Happiness Report 2021 को संयुक्त राष्ट्र स्थायी विकास उपाय नेटवर्क की ओर से जारी की गई है और इसमें कोविड-19 और उसके लोगों पर पड़ने वाले असर पर ध्यान केंद्रित किया गया है। 

रिपोर्ट के मुताबिक भारत को वर्ल्ड हैपीनेस लिस्ट में 139वां स्थान मिला है जबकि वर्ष 2019 में भारत 140वें पायदान पर था। 

रिपोर्ट के मुताबिक सूची में पाकिस्तान 105वें पायदान पर है जबकि बांग्लादेश और चीन क्रमश: 101वें एवं 84वें स्थान पर हैं।



भूख डॉटकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत में हर दिन 6000 से ज़्यादा लोग भूख से मरते हैं। इंडियन एक्सप्रेस

 यह चीनी राष्ट्रपति के 5 साल पुराने वादे का पूरा होना है, जिसमें उन्होंने चीनी जनता से 2020 तक दरिद्रता से छुटकारा पाने की बात कही थी। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक़, 1978 से अब तक 80 करोड़ लोग ग़रीबी से छुटकारा पा चुके हैं, यह ऐसा कारनामा है जिसके बराबर कुछ ही कारनामे आ सकते हैं।

नवम्बर 2020 में चीन के अत्यधिक ग़रीबी या दरिद्रता से ग्रस्त आख़िरी प्रान्त ने भी, सही समय पर इससे छुटकारा पा लिया क्योंकि इसी साल सीपीसी 100 साल का जश्न मनाएगी।

सीपीसी ने उस वर्ग से ग़रीबी को दूर करने पर फ़ोकस किया जिसकी आय का तरीक़ा ज़्यादा परम्परागत था। 2013 में कम्यूनिस्ट पार्टी ने ग़रीबी दूर करने के लिए सेलेक्टिव या टार्गेटेड अप्रोच अपनायी जिसके तहत स्थानीय अधिकारियों को ग़रीब परिवारों के लिए विशिष्ट रूप से निर्मित योजना की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी। बाद में संपत्ति, सब्सिडी और अतिरिक्त महारत सिखाने के संयोग से योजना को व्यवहारिक बनाया गया। नियमित और मोटे तौर पर डेटा इकट्ठा करना इस योजना का मुख्य हिस्सा था। यह सिस्टम राजधानी में मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों को यह सुविधा देता है कि वे देश में किसी भी जगह किसी एक फ़ैमिली तक की तरक़्क़ी की निगरानी कर सकते हैं।

इसके विपरीत भारत में ग़रीबी पर आख़िरी डेटा भी बहुत पुराना हो चुका है। यह आंकड़ा 2011-12 का है। यह डेटा बताता है कि 1993-94 में ग़रीबी 45 फ़ीसद थी जो 2011-12 तक कम होकर 22 फ़ीसद तक पहुंच चुकी है, जिसमें साढ़े 13 करोड़ लोग पिछले 2 दशक में दरिद्रता के चंगुल से बाहर निकले। भारत में ग़रीबी के बारे में आख़िरी सर्वे 2017-18 में कराया गया था, जिससे उपभोग ख़र्च में निराशाजनक गिरावट का पता चला था और बड़ी तेज़ी से उसे केन्द्र ने छिपा दिया, जिसकी वजह से पिछले एक दशक के दौरान ग़रीबी पर कोई सूचना नहीं है।

बीजिंग ने ग़रीबी दूर करने के लिए लोगों को रीलोकेशन अर्थात एक जगह से दूसरी जगह बसाने की नीति अपनायी ताकि जल्दी से ग़रीबी उन्मूलन का लक्ष्य हासिल कर सके।



रीलोकेशन नीति के तहत 2016 से 2020 के बीच 1 करोड़ लोगों को दूसरी जगह बसाया गया हालांकि सभी को उनकी मर्ज़ी से नहीं बसाया गया।

बीजिंग ने दरिद्रता को मिटाने के लिए पांच साल के दौरान 700 अरब डॉलर ख़र्च किए। द इकॉनमिस्ट के मुताबिक़, हर दरिद्र परिवार पर 2015 में 500 युआन का सरकारी ख़र्च 2020 तक 26000 युआन तक पहुंच गया।

लोगों को एक जगह से दूसरी जगह बसाने के दौरान मानवाधिकार के उल्लंघन के दावे भी सामने आए। फिर भी ग़रीबी ख़त्म करने के लिए उठाए गए सभी उपाय ज़बर्दस्ती पर निर्भर नहीं थे। डिसेन्ट्रालाइज़्ड या विकेन्द्रित योजना, लाल फ़ीताशाही में सुधार और सही समय पर डेटा इकट्ठा करने जैसी साधारण नज़र आनी वाली कोशिशों से भी मदद मिली। इसी तरह सैकड़ों अरब डॉलर ख़र्च किए गए इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए जो राष्ट्रीय जुनून बन गया। हर अपेक्षाकृत अमीर शहर, राजकीय इकाइयों और सरकारी इकाइयों को ग़रीब लोगों को ऊपर उठाने के लिए व्यवस्थित व समन्वित किया गया।

चीन की कामयाबी को नज़रअंदाज़ करने के बजाए, जैसा कि पश्चिम में कुछ लोग हैं, हमें उससे सीखना और ग़रीबी दूर करने के लिए आपसी मर्ज़ी से तरक़्क़ी के अपने विचार में उनके कई अच्छे विचारों को शामिल करना चाहिए। (MAQ/N)



(साभारः इंडियन एक्सप्रेस, लेखक के विचार से पार्सटुडे का सहमत होना ज़रूरी नहीं है।)



पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद पहली भारत पाकिस्तान की बैठक

 खबरे आ रही हैं के भारत-पाकिस्तान के बीच नदियों के पानी के बंटवारे को लेकर लगभग२ वर्ष  के बाद बातचीत फिर से शुरू हुई है, लेकिन अब देखना यह होगा कि यह बातचीत दोनों देशों के रिश्तों में आई तना-तानी को कम कर पाती है या नहीं। 

नदियों के पानी के बंटवारे के लिए बने स्थायी सिंधु आयोग (पीआईसी) की सालाना बैठक नई दिल्ली में शुरू हो चुकी है। दो दिन की वार्ता 24 मार्च तक चलेगी। आयोग की पिछली बैठक 29-30 अगस्त, 2018 को लाहौर में हुई थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में की गई इंडस वाटर्स ट्रीटी के मुताबिक़, आयोग की बैठक हर साल कम से कम एक बार ज़रूर होनी चाहिए, एक बैठक भारत में, तो अगली पाकिस्तान में, लेकिन इस बार दो बैठकों के बीच का अंतराल ज़्यादा लंबा हो गया है। 2019 में आयोग के पाकिस्तानी आयुक्त एक टीम ले कर चिनाब नदी के घाटी में निरीक्षण के लिए चले गए थे और 2020 में आयोग की बैठक कोरोना वायरस महामारी की वजह से नहीं हो पाई थी। 2021 की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारतीय सिंधु आयुक्त प्रदीप कुमार सक्सेना कर रहे हैं और पाकिस्तानी टीम का नेतृत्व पाकिस्तान पीआईसी के आयुक्त सैयद मोहम्मद मेहर अली शाह कर रहे हैं। 

उल्लेखनीय है कि इंडस वाटर्स ट्रीटी के अनुसार, सभी पूर्वी नदियों (सतलज, ब्यास और रावी) के पूरे पानी पर भारत का अधिकार है और सभी पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम और चिनाब) के सारे पानी पर पाकिस्तान का हक़ है। इसके अलावा भारत को पश्चिमी नदियों पर सीमित रूप से पनबिजली परियोजनाएं बनाने का भी अधिकार है। भारत ने ऐसी दो नई परियोजनाओं पर काम शुरू किया है लेकिन पाकिस्तान इनका शुरू से विरोध कर रहा है। (



Friday, March 19, 2021

मोदी सरकार संविधान के लोकतांत्रिक मूल्यों के ख़िलाफ़ काम कर रही है- शशि थरूर

 शनिवार को चेन्नई में इंडिया टुडे साउथ कॉन्क्लेव में कांग्रेस पार्टी के नेता शशि थरूर ने मोदी सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की आलोचना करने के आरोप में पत्रकारों के ख़िलाफ़ देशद्रोह, मानहानि और आतंकवाद निरोधक धाराओं के तहत केस दर्ज किए जा रहे हैं।

इससे एक दिन पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने लोकतांत्रिक मूल्यों की निगरानी करने वाली एक स्वीडिश संस्था की रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट किया था कि भारत अब एक लोकतांत्रिक देश नहीं है



स्वीडन की प्रमुख संस्था वी-डेम की हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में अब चुनावी लोकतंत्र नहीं बल्कि एक चुनावी तानाशाही है।

रिपोर्ट में मोदी सरकार द्वारा मीडिया पर प्रतिबंध, राजद्रोह और मानहानि जैसे क़ानूनों के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग का हवाला दिया गया है।

वी-डेम की रिपोर्ट कहती है कि भारत अब पाकिस्तान की तरह, चुनावी तानाशाही में बदल गया है। अब इसकी स्थिति पड़ोसी देशों बांग्लादेश और नेपाल से भी बदतर है।

हालांकि, सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता राम माधो ने विपक्षी दलों के नेताओं के इन आरोपों को ख़ारिज कर दिया है और दावा किया है कि आज देश में हर किसी को अभिव्यक्ति की आज़ादी हासिल है। उनका कहना था कि देश में कई वेबसाइटें ऐसी हैं, जिनका काम सिर्फ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को गाली देना है। अब इससे ज़्यादा और कितनी आज़ादी चाहिए।

वी-डेम की रिपोर्ट में ग़ैर क़ानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए विवादित क़ानून यूएपीए के दुरुपयोग का विशेष रूप से ज़िक्र किया गया है। रिपोर्ट का कहना है कि इस क़ानून को पत्रकारों और नागरिक समाज की आवाज़ का दबाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। मोदी सरकार संविधान के लोकतांत्रिक मूल्यों के ख़िलाफ़ काम कर रही है।

नागरिकता के नए विवादास्पद क़ानून सीएए का भी रिपोर्ट में विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने सीएए का विरोध करने वाले छात्रों और प्रोफ़ेसरों को दंडित करने के लिए भी यूएपीए का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक़, सरकार ने जहां स्वतंत्र आवाज़ को दबाने के लिए सभी साधनों का इस्तेमाल किया है, वहीं हिंदुत्व वैचारिक संगठनों और उनके सहयोगियों को खुली छूट दे रखी है। 


Wednesday, March 17, 2021

एक साल में सरसों का तेल,रिफाइंड,वनस्पति घी के दाम हुए दुगने - मोदी सरकार महंगाई रोकने में असफल

महंगाई  की मारः दस दिनों में सरसों का तेल 145 रुपये से बढ़कर 150 रुपये प्रतिलीटर हुआ होली से पहले सरसों तेल - रिफाइंड के दाम बढ़े 

लखनऊ | वरिष्ठ संवाददाता खाद्य तेल रसोई गैस , पेट्रोल और डीजल के साथ ही खाद्य तेलों के दाम भी बढ़ गये हैं । होली पर इसका असर पड़ेगा । रिफाइंड , सरसों तेल व घी के दाम आसमान छू रहे हैं । पिछले साल के मुकाबले तेल के दाम में 50 से 60 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है । दस दिन में ही सरसों के तेल में पांच रुपये की बढ़त हुई है । वहीं रिफाइंड में 12 रुपये की बढ़त है । दाल के दामों में भी उछाल आया है । यहियागंज के थोक तेल कारोबारी सिद्धार्थ गुप्ता ने बताया कि लखनऊ में रोजाना 10 हजार टिन सरसों के तेल की खपत है । 80 प्रतिशत पॉम ऑयल मलेशिया और इंडोनेशिया से आयात होता है , 

तेल के दाम ( रुपये प्रति लीटर ) फुटकर बाजार में दाम 

मार्च 2021         मार्च 2020  

तेल 150                100 

रिफाइंड 142         80 

वनस्पति घी 130      80 

फतेहगंज , कैसरबाग सहित राजधानी के अन्य फुटकर बाजारों में आलू और मूंग की दाल 110 115 प्याज के दामों में गिरावट आई है । 12-15 रुपये किलो मिल रहा आलू 10-12 रुपये प्रतिकिलो में रुपये किलो मिल रहा है । वहीं प्याज दस दिन पहले 60 रुपये किलो मिल रहा था जो जब 30-40 में है । परवल , भिंडी और करेले के दाम चढ़े हैं । अभी यह की गई , लेकिन इसी के साथ उस पर कलकत्ता से आ रहा है । अप्रैल के बाद लोकल मंडियों से सब्जियां आने लगेंगी । 



कृषि विकास सेस लागू करने का निर्णय भी लिया गया । जिसके चलते लेकिन पॉम ऑयल के दाम लगातार अग्रवाल ने बताया कि केन्द्रीय बजट वास्तविक आयात शुल्क में परिवर्तन बढ़ते जा रहे हैं , जिसकी वजह से में क्रूड पाम तेल , सोयाबीन तेल और हो गया और पहले से ही महंगे बिक तेल के दाम बढ़ रहे हैं । वहीं सूरजमुखी तेल आदि पर मूल रहे खाद्य तेल के दामों में और फतेहगंज के गल्ला व्यापारी मुकेश आयात शुल्क में कटौती की घोषणा इजाफा हो गया ।



सूत्र - हिंदुस्तान 

राहुल गांधी- गद्दाफी और सद्दाम हुसैन ने भी जीते थे चुनाव

 कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को लोकतंत्र को लेकर केंद्र सरकार को घेरा। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन और लीबिया के मुअम्मर गद्दाफी भी चुनाव जीतते थे। अमेरिका के ब्राउन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आशुतोष वार्ष्णेय के साथ ऑनलाइन बातचीत में राहुल गांधी ने कहा, ''सद्दाम हुसैन और गद्दाफी भी चुनाव करवाते थे और उन्हें जीतते थे। ऐसा नहीं था कि लोग वोटिंग नहीं करते थे, लेकिन उस वोट की सुरक्षा के लिए कोई संस्थागत ढांचा नहीं होता था।'

उन्होंने कहा कि चुनाव सिर्फ यह नहीं है कि लोग जाएं और वोटिंग मशीन पर बटन दबा दें। चुनाव एक अवधारणा है। चुनाव संस्था हैं, जो सुनिश्चित करते हैं कि देश में ढांचा ठीक से चल रहा है। चुनाव वह है कि न्यायपालिका निष्पक्ष हो और संसद में बहस हो। इसलिए वोटों के लिए ये चीजें जरूरी हैं। कांग्रेस नेता ने दो विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में स्वतंत्रता और लोकतंत्र की स्थिति की आलोचना किए जाने के संदर्भ में कहा कि देश को इन संस्थाओं से मुहर की जरूरत नहीं है, लेकिन यहां हालात इनकी कल्पना से कहीं ज्यादा खराब हैं। प्रोफेसर आशुतोष वार्ष्णेय के साथ बातचीत में राहुल ने यह दावा भी किया कि अगर कोई फेसबुक और वॉट्सऐप को नियंत्रित कर सकता है तो फिर लोकतंत्र नष्ट हो सकता है। उनसे अमेरिकी संस्था 'फ्रीडम हॉउस' और स्वीडन की संस्था 'वी डेम इंस्टिट्यूट' की भारत के संदर्भ में की गई हालिया टिप्पणी के बारे में सवाल किया गया था। राहुल गांधी ने कहा, ''ये विदेशी समूह हैं और भारत को इन समूहों की मुहर की जरूरत नहीं है, लेकिन यहां हालात इनकी कल्पना से कहीं ज्यादा खराब हैं।'' राहुल गांधी ने यह भी कहा कि वह पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र पर जोर देते हैं और उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि कांग्रेस में चुनाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने दावा किया, "बीजेपी सांसदों ने मुझे बताया कि वे संसद में खुली बहस नहीं कर सकते। उन्हें बताया जाता है कि क्या कहना है। यह बिलकुल सीधी बात है।"

कांग्रेस नेता ने कहा, "हम भयंकर रूप से नौकरी की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। यदि यह समस्या हल नहीं हुई तो भारत उस वैश्विक स्थिति में नहीं होगा, जहां वो चीन से आने वाली चुनौतियों का सामना कर सके।" राहुल गांधी ने कहा, ''लाखों लोग गांवों से शहरों की ओर आते हैं। हमें उनके लिए कुछ करने की आवश्यकता है, उन्हें एक दृष्टि देने की आवश्यकता है। वो चाहे कृषि और विनिर्माण क्षेत्र में सुधार करके हो या सेवाओं में सुधार करके।



अनीस मंसूरी- Waseem Rizvi पर हर जिले से एफआईआर दर्ज कराई जाएगी

 लखनऊ कुरान से कुछ आयतों को हटाए जाने की बात करने वाले वसीम रिजवी के खिलाफ मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने और माहौल बिगड़ने के आरोप में हर जिले से एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. पसमांदा मुस्लिम समाज ने वसीम रिजवी के द्वारा दायर की गई याचिका पर कड़ा विरोध जताया है.



समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने विरोध जताते हुए कहा है कि कुरान ए पाक की आयतों को रिमूव करने की अपील दाखिल करना इस्लाम के साथ खुली बगावत है. कुरान की पवित्रता और सत्यता पर शक करने वाले लोगों का इस्लाम से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि इस्लाम को बदनाम करने और माहौल बिगाड़ने की साजिश रचने वाले वसीम के खिलाफ जिले में संगठन की ओर से एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.


Tuesday, March 16, 2021

प्रदेश महासचिव इमरान आब्दी बोले भाजपा सरकार में महंगाई ने कमर तोड़ दी है , युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही

15 मार्च, 2021 सोमबार को युवा कांग्रेस द्वारा नौकरी संवाद कार्यक्रम नायाब अब्बास डिग्री कॉलेज कैलशा रोड़ अमरोहा में आयोजित किया गया जिस में बेरोज़गार युवाओ ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। 
अमरोहा #JoinCongressSocialMedia प्रोग्राम में कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओ ने बढ़- चढ़ कर  कार्यक्रम को सफल बनाया। 




कांग्रेस के इस सम्मलेन केंद्र भाजपा  सरकार एवं योगी सरकार में  युवाओं को नौकरी न देने, गैस,पेट्रोल,डीज़ल के दामों में बढ़ोतरी पर सवाल उठाये। प्रदेश महासचिव सोशल मीडिया विभाग इमरान आब्दी ने उत्तरप्रदेश में महिलाओ बढ़ते अत्याचार पर सवाल उठाये।  
उन्होंने कहा कि योगी  सरकार में महिलाये ,छोटी छोटी बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं भाजपा सरकार में महंगाई ने कमर तोड़ दी है दो दूसरी तरफ बेरोज़गारी के चलते लोग परेशान हैं।   

 


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अमरोहा में उत्तरप्रदेश युवा कांग्रेस द्वारा कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के संरक्षण में चल रहे  नोकरी संवाद कार्यक्र को सफल बनाने के लिए सम्मिलित मुख्यअतिथि प्रदेश अध्यक्ष श्रीमान ओमवीर यादव जी  युवा कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मुदस्सिर जमा साहब प्रदेश महासचिव अहमद उल्ला खान एवं दानिश अली सैफी ,प्रदेश महासचिव सोशल मीडिया विभाग इमरान आब्दी तथा सभी प्रदेश,मण्डल ब्लाक ,ज़िला ,तहसील एवम नगर स्तरीय पदाधिकारी मौजूद रहे। 


Monday, March 15, 2021

क्या हज़रत अली (अ स) ने हज़रत उमर व उस्मान का जमा कुरान को नकारा था ? वसीम रिज़वी की बातो में कितना दम

लेख - रियाज़ अब्बास आब्दी (रास) 

 आज पूरी दूनियाँ में मुसलमानों को दबाने और कमज़ोर करने के लिए दुश्मनों की नई नई साज़िशे देखने और सुनने को मिलती हैं, दुश्मने इस्लाम मुसलमानों को कभी दहशतगर्द (आतंकी) कहकर बदनाम करने की कोशिश करते हैं तो कभी पाक (पवित्र) कुरान मजीद के इल्म(शिक्षा) पर ऐतराज़ (आपत्ति) दर्ज कराते हैं, इसी दिशा में उत्तरप्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिज़वी ने सुप्रीमकोर्ट में पाक (पवित्र) कुरान की 26 आयात को पाक (पवित्र) कुरान से हटाये जाने के लिए याचिकी दी है वसीम रिज़वी का कहना है कि मुसलमानों के पहले और दुसरे और तीसरे खलीफा (अबुबकर,उमर,उस्मान र.अ) ने पाक (पवित्र) कुरान मजीद में रसूल अल्लाह (स.अ.व.ल) की वफात(मौत) के बाद 26 आयात को पाक (पवित्र) कुरान में दर्ज की गई है जिस के बाद पूरी दुनिया के साथ साथ हिंदुस्तान के तमाम मुस्लमान  इस फितने के खिलाफ गुस्से में है अलग अलग शहरों, कस्बों, गावो से वसीम के खिलाफ आवाज़े उठने लगी हैं| वसीम रिज़वी के भाई ने भी एक विडियो जारी कर के उनके बयान से अपने आपको वे परिवार के सभी सदस्यों को अलग कर लिया है|

वसीम रिज़वी ने जिस फितने को जन्म दिया है उससे कोई मुस्लमान इत्तेफाक नहीं रखता है हालाँकि वसीम का ताल्लुक शिया होने की वजह से शिया आलिम (विद्वान), आम और खास इस फितने पर बयान देने से पीछे नहीं हट रहें हैं|

इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है के वसीम रिज़वी ऐसे बयान, इस प्रकार की याचिका मौजूदा सरकार को खुश करने और खुद को सी बी आई की जाँच से बचने और मौजूदा सरकार में तख्तो ताज को पालेने की लालच ने इसको अँधा कर दिया है|

तमाम शियों का अकीदा(धारणा) है कि पवित्र कुराने मजीद में जरा बराबर भी तहरीफ़(Distortion) (विरूपण) नही हुआ है मौजूदा पवित्र कुराने मजीद बग़ैर किसी कमी बेशी के वहीं है जो हमारे आखरी रसूल अल्लाह हज़रत मोहम्मद (स अ व व स) पर आया था|

शिया मुसलमानों का ईमान (आस्था) है के मौजूदा पवित्र कुराने मजीद कामिल व मुकम्मल (परिपूर्ण व पूर्ण) है तमाम मुस्लमान इस बात को जानते है के पवित्र कुराने मजीद की शुआत बिस्मिल्लाह से होती है तो बिस्मिल्लाह की ب  से लेकर पवित्र कुराने मजीद के आखरी (अंतिम) शब्द वन्नास की س  तक हमारा ईमान (आस्था) है कि पवित्र कुराने मजीद के हरूफ(शब्द) कलमात आयात (वाक्य) सुरह(अध्याय) उतने की हैं जितने रसूल अल्लाह हज़रत मोहम्मद (स अ व व स) पर आया था| 

हमारा ईमान, अकीदे के हिसाब से पवित्र कुराने मजीद हर प्रकार के नुख्स (दोष) से पाक (पवित्र) है अल्लाह अपने पाक कुरान के (अध्याय) सुरह बकरा-2/2 में फरमाता (कह रहा) है के ‘यह वो किताब है जिसमें किसी प्रकार का शक (संदेह) नहीं है और परहेज़गारों(धर्मपरायण) के लिए हिदायत है’

उपरोक्त आयते इलाही से पता चलता है के पवित्र कुराने मजीद हर प्रकार के नुक़स(दोष) से पाक (पवित्र) है मौजूदा पाक कुरान में किसी भी प्रकार का बदलाव मुमकिन नहीं है|

 रसूल अल्लाह इरशाद(कहते) फरमाते हैं

जब तुम पर फितने व फसाद शब तारीक (अँधेरी रात) की तरह छा जाये तो उस समय पाक कुरान को मजबूती से थाम लो (उसकी शिक्षाओं पर कार्यरत रहो) क्यूंकि कुरान शफात (हिमायत- हिफाज़त) करने वाला है क्यूंकि कुरान शफात (हिमायत- हिफाज़त) रद (निरस्थ) नही होगी| (तफसीर साफी)

 रसूल अल्लाह का सन्देश/कथन इस बात की शिक्षा देता है के पवित्र कुरान हर प्रकार की परेशानियों को दूर करने वाला मन्त्र है इसका मतलब यही है के मौजूदा कुरान हर प्रकार के नुख्स(दोष) से पाक है|

 इमाम हज़रत अली (अ स) का कथन है कि यह पवित्र कुरान ऐसी नसीहत (ADVICE) देने वाला है जिसमें जरा बराबर भी खयानत (अविश्वासघात) की बू (गंघ) नहीं है,और ऐसी हिदायत (ADVICE) करने वाला है के हरगिज़ गुमराह नहीं करता है| यह एक ऐसा मुखबिर है जो कभी झूट नहीं बोलता| 

जो भी इस कुरान के पास बैठेगा वो इस हालत में इस के पास से उठेगा यातो उसके कमाल में बढ़ोतरी होगी या नुख्स (दोष) आ गया होगा,कमाल में बढ़ोतरी हिदायत (ADVICE)  की वजह से होती है और नुख्स (दोष) अंधेपन की वजह से होगा| (नहजुल बलागा)

इमाम हज़रत अली (अ स) के कथन से भी यह स्पष्ट है के पवित्र कुरान हरगिज़ गुमराह नहीं करता है| इसका अर्थ है की कुरान में किसी प्रकार का बदलाव नहीं हुआ है|

 इमाम हज़रत अली (अ स) का कथन जिस में हज़रत उमर व उस्मान ने पवित्र कुरान जमा किया है उसको उन्होंने सही बताया है इस कथन(हदीस) के माध्यम से वसीम रिज़वी को अपने सवाल का जवाब मिल जायगा|

इमाम हज़रत अली (अ स) ने तल्हा से पूछा के ऐ तल्हा जो पाक कुरान हज़रत उमर व उस्मान ने जमा किया है वो सारा(पूर्ण) है या इसमें ग़ैर कुरान भी है तल्हा ने जवाब दिया के वो सारा (पूर्ण) कुरान है, इमाम हज़रत अली (अ स) ने फ़रमाया (कहा) जो कुछ इसमें है अगर इस पर अमल करोगे तो नारे जहन्नुम (नरक) से निजात (मोक्ष) पा जाओगे और सीधे जन्नत (स्वर्ग) में जाओगे| तहकीक इस में हमारी हुज्जते है, हमारे हक का बयान है और हमारी इतात (आज्ञाकारिता) के फ़र्ज़ होने का जीकर है| (तफसीर साफी जिल्द अव्वल)

 जिस फितने को वसीम रिज़वी ने जन्म दिया है उसका पूर्ण (उत्तर) जवाब उपरोक्त हदीस है जिस में मोला इमाम अली अ स ने जिस पाक कुरान को हज़रत उमर व उस्मान ने जमा किया था उसको उन्होंने सही माना है और तो और हज़रत उमर व उस्मान द्वारा जमा कुरान पर अमल करने का हुकुम भी दिया है| क्यों की  जो पाक कुरान को हज़रत उमर व उस्मान ने जमा किया था वो कुरान वही है जो अल्लाह से आखरी नबी मोहम्मद स अ व व स पर आया था जिसमें 6666 आयते थी और रसूल की वफात के बाद भी 6666 आयते थी और आज भी 6666 आयते मौजूद हैं और जो इस का इंकार करेगा दायरे इस्लाम से ख़ारिज है|





 



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