Wednesday, January 31, 2018

हाथों में बंदूक लिए हिंदू युवक कर रहे थे फायरिंग:कासगंज


police probing new video that shows hindu youths during kasgang clashes carrying guns, firing

उत्तर प्रदेश पुलिस कासगंज हिंसा से जुड़े एक नए विडियो का परीक्षण कर रही है, जिसमें गणतंत्र दिवस वाले दिन हिंदू युवा हाथों में बंदूक लिए मुस्लिम बहुल इलाकों की तरफ जाते नजर आ रहे हैं। स्थानीय तहसील दफ्तर की छत से शूट किए गए इस विडियो में कई सारे युवक हाथों में डंडे वगैरह लिए भी नजर आ रहे हैं।

टीओआई के हाथ लगे एक्सक्लूसिव विडियो के बारे में पूछने पर एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि पुलिस एक नए एंगल से मामले की जांच कर रही है। पहचान जारी ना होने की शर्त पर एक आईपीएस अधिकारी ने बताया, 'यह विडियो उसी जगह का है, जहां चंदन गुप्ता को गोली गली थी।' 

पुलिस के एक सूत्र ने बताया, 'वहां पर करीब 50 की संख्या में युवक मौजूद थे और उनमें से एक ने हाथ में तिरंगा झंडा लिया हुआ था। कम से कम दो के हाथों में बंदूक थी और कुछ अन्य ने डंडे ले रखे थे। इस दौरान कई राउंड हवाई फायर किए गए और मुस्लिम बहुल इलाकों की तरफ पत्थरबाजी भी की गई। 14 सेकंड के इस विडियो में नजर आ रहे युवकों की शिनाख्त के लिए एक स्पेशल टीम जांच कर रही है।' 



Sunday, January 7, 2018

UP- धार्मिक स्थलों में बिना अनुमति के बज रहे लाउडस्पीकर 15 जनवरी तक हटा दिए जाएंगे

 लखनऊ 
उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों में लगे लाउडस्पीकरों  पर अब योगी सरकार शिकंजा कसने की तैयारी में है। हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद यूपी सरकार इस सिलसिले में कदम उठाने वाली है। हाई कोर्ट के आदेश की कॉपी सहित गृह विभाग ने सभी जिलों के डीएम को पत्र भेजकर धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए जाने के बाद रिपोर्ट मांगी है। 

इसमें कहा गया है कि बिना अनुमति के लगाये गए लाउडस्पीकर हटाये जाएंगे। अनुमति 15 जनवरी तक ले लेनी होगी। 15 जनवरी के बाद किसी भी संस्थान को अनुमति नहीं दी जाएगी। 16 जनवरी से जिलों में अभियान  चलाकर बिना अनुमति के चलाए जा रहे लाउडस्पीकर हटाए जाने शुरू किए जाएंगे। यह अभियान 20 जनवरी तक चलेगा और फिर इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। 

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दिसंबर में धार्मिक स्थलों में बज रहे लाउडस्पीकर्स पर कड़ी नाराजगी जताई थी। हाई कोर्ट ने इस मामले में उच्चाधिकारियों को फटकार लगाकर कार्रवाई के लिए हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। यह आदेश मोतीलाल यादव की तरफ से दायर की गई याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने दिया था। 

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अब्दुल मोइन की बेंच ने कहा था कि प्रमुख सचिव गृह, सिविल सचिवालय और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड + के चेयरमैन अलग-अलग व्यक्तिगत हलफनामा देकर छह हफ्ते में बताएं कि ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए उन्होंने क्या किया? इस मामले की अगली सुनवाई 1 फरवरी 2018 को है। हाई कोर्ट ने निकाले जाने वाले जुलूस और शादी बरातों में हो रहे ध्वनि प्रदूषण को लेकर भी कार्रवाई करने को कहा है। 
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Friday, January 5, 2018

फतवा देने वाले मौलवी इतना बड़ा गुनाह समझते है तो हिन्दुस्तान में इस्लामी बैंकिंग अभी तक क्यों नही आई।

लेखक - गुलाम अब्बास किट्टी भाजपा नेता, नौगावां सादात

अमरोहा, नौगावां। दारूल उलूम ने  फतवा जारी किया है कि मुस्लिम महिलाऐं उन घरो में शादी से बचें जो बैंक कर्मी हो या उनके घर में बैंक से सम्बन्धित कमाई आती हो। यह मसला बड़ा ही हास्यस्पद है। 
की हिन्दुस्तान में सेकड़ो सालो से चली आ रही बैंकिंग प्रणाली अगर इस्लाम के खिलाफ है तो इन मौलवियों ने अभितक इसका विरोध उच्च स्तर पर क्यों नही किया। बैंको में नौकरी कर रहे लाखो मुसलमान क्या अबतक नाजाईज़ कमाई पर ही जी रहे थे। 

 यह सही है कि इस्लाम में सूद का लेने वाला, सूद का देने वाला, गवाह, सूद का लिखने वाला, सूद के लिखने के लिये कलम व किताब उपलब्ध कराने वाला, सूद के लिये पैसा मुहय्या कराने वाला, और यहां तक कि अगर किसी के सामने दो अंजान मुसलमान सूद के लेन देन की बात कर रहें हों और उन्हे उस मुसलमान ने न रोका जो उनको वह बाते करते सुन रहा था तो वह भी सूद के गुनाह में बराबर का भागीदार है। 

लेकिन अब सोचना यह है कि हिन्दुस्तान में सैकड़ो साल से चली आ रही इस बैंकिंग प्रणाली के खिलाफ फतवा देने वाले मौलवियों ने ठोस क़दम क्यों नही उठाये।

 अब कौन सा मुसलमान ऐसा है। जो बैंक में पैसा न रखता हो या बैंक से लेनदेन न करता हो। इसके अनुसार कही न कही बैंक से लेनदेन करने वाला इस गुनाह में बराबर का भागीदार है। 

अगर इसको ये फतवा देने वाले मौलवी इतना बड़ा गुनाह समझते है तो हिन्दुस्तान में इस्लामी बैंकिंग अभी तक क्यों नही आई। सैकड़ो सवाल लेखक के मन में उमड़ रहे है। जिनका जवाब शायद इन मौलवियों के पास फतवा देकर मीडिया की सुर्खियों में छा जाने के अलावा दूसरा कोई नही होगा। 




"शाही खाना" बासमती चावल, बिरयानी चावल Naugawan City Center (NCC) (नौगावा सिटी सेंटर) पर मुनासिब दामों पर मिल रहे हैं।

White Shahi Khana Basmati Rice, Plastic Bag,  ₹ 75 / kg  शाही खाना बासमती चावल, NOORE JANNAT, GLAXY,NWAZISH बिरयानी चावल  Naugawan City Cent...