Wednesday, September 20, 2017

BJP नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भी भारत में आर्थिक संकट को माना और इस के लिए मोदी सरकार को ज़िम्मेदार बताया

भारतीय जनता पार्टी के नेता और आरएसएस के थिंक टैंक माने जाने वाले सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था बहुत ही बुरे दौर से गुज़र रही है और अगर तुरंत प्रयास नहीं किया गया तो यह शीघ्र ही ध्वस्त हो जाएगी।
 अब बीजेपी नेता स्वामी ने भी स्वीकार किया कि भारत को आर्थिक संकट का सामना है
फ़ाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, स्वामी ने दावा किया कि डेढ़ साल पहले उन्होंने देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को 16 पेज का एक पत्र लिखकर अर्थव्यवस्था के संकट के बारे में चेतावनी दी थी।
उन्होंने कहा कि मैंने मोदी को चेताया था कि अगर कुछ प्रभावी क़दम नहीं उठाए गए तो हमें गंभीर संकट का सामना करना पड़ेगा, बैंक दिवालिया हो जायेंगे, कारख़ाने बंद हो जायेंगे और लाखों करोड़ों लोग बेरोज़गार हो कर सड़कों पर आ जायेंगे।
ग़ौरतलब है कि मोदी सरकार द्वारा विवादित नोटबंदी के फ़ैसले के तुरंत बाद, पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने सरकार को इस फ़ैसले के दुष्परिणामों के प्रति चेतावनी दी थी और कहा था कि अगर इस फ़ैसले को वापस नहीं लिया गया तो जीडीपी को भारी नुक़सान होगा। msm




  

Monday, September 18, 2017

मोदी सरकार ने रोहिंग्या शरणार्थियों को बताया देश के लिए खतरनाक

नई दिल्ली:- केंद्र सरकार ने सोमवार को रोहिंग्या शरणार्थियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। सरकार ने सर्वोच्च अदालत को बताया है कि अवैध रोहिंग्या शरणार्थी देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। हलफनामे में रोहिंग्या शरणार्थियों के पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से कनेक्शन होने की बात करते हुए उन्हें किसी कीमत में भारत में रहने की इजाजत नहीं देने की बात कही गई है। 




सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए इस मामले को 3 अक्टूबर तक टाल दिया है। सरकार ने हलफनामे में कहा है कि अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों को देश में रहने की इजाजत नहीं दी सकती है। हलफनामे के मुताबिक भारत में अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या 40 हजार से अधिक हो गई है। हलफनामे में सरकार ने साफ किया है कि ऐसे रोहिंग्या शरणार्थी जिनके पास संयुक्त राष्ट्र के दस्तावेज नहीं हैं, उन्हें भारत से जाना ही होगा। 
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों की वजह से हो सकने वाली दिक्कतों के बारे में बताया है। केंद्र ने कहा है कि रोहिंग्या शरणार्थी नॉर्थ ईस्ट कॉरिडोर की स्थिति को और बिगाड़ सकते हैं। रोहिंग्या देश में रहने वाले बौद्ध नागरिकों के खिलाफ हिंसक कदम उठा सकते हैं। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि जम्मू, दिल्ली, हैदराबाद और मेवात में सक्रिय रोहिंग्या शरणार्थियों के आतंकी कनेक्शन होने की भी खुफिया सूचना मिली है। 
अवैध रोहिंग्या शरणार्थी 2012-13 से भारत में रह रहे हैं। केंद्र ने कहा है कि ये लोग बिना किसी डॉक्युमेंट के एजेंटों की मदद लेकर भारत-म्यांमार के पोरस बॉर्डर को पार कर भारत आ गए हैं। इनके पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से कनेक्शन की भी जानकारी मिली है। केंद्र सरकार ने यह भी चिंता जताई है कि अवैध शरणार्थियों की वजह से कुछेक जगहों पर आबादी का अनुपात गड़बड़ हो सकता है। 

हलफनामे में भारतीय नागरिकों के मूलभूत अधिकारों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों को नागरिकों के तरह के अधिकार नहीं दिए जा सकते हैं। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि अवैध रोहिंग्या शरणार्थी हुंडी/हवाला कारोबार, मानव तस्करी जैसी अवैध और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। 
रोहिंग्या समुदाय के खिलाफ म्यांमार में शुरू हुई सैन्य कार्रवाई की वजह से सैकड़ों-हजारों महिलाओं, बच्चों और पुरुषों को अपने घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ा है। बौद्ध धर्म के बहुसंख्यक अनुयायी वाले इस देश में रोहिंग्या बीते कई दशकों से भेदभाव का सामना कर रहे हैं, लेकिन अब बहुत बड़ी संख्या में पलायन कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने इसे नस्ली सफाए का उदाहरण तक बता दिया है।

म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों की जनसंख्या 13 लाख बताई जाती है लेकिन दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी एशिया में इनकी संख्या 15 लाख है। साल 2013 में संयुक्त राष्ट्र ने रोहिंग्या मुस्लिमों को दुनिया का सबसे सताया हुआ अल्पसंख्यक समुदाय बताया था। म्यांमार की सेना ने हाल ही में रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है जिसकी वजह से लाखों रोहिंग्या भागकर बांग्लादेश के शरणार्थी कैंपों में शरण ले चुके हैं। 

रोहिंग्या मुसलमानों के लिए हमदर्दी करने पर बीजेपी नेता "बेनजीर" पार्टी से बर्खास्त


गुवाहाटी:- पेशे से इंजिनियर बेनजीर का कहना है कि इस तरह से पार्टी से निकालना मेरी बेइज्जती करना है। इस पूरे प्रकरण से नाराज बेनजीर ने कहा कि इस मुद्दे पर मैं पार्टी हाईकमान से शिकायत करूंगी। उन्होंने रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में एक मीटिंग में हिस्सा लिया था जिसके चलते उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया। 

रोहिंग्या मुसलमानों के लिए हमदर्दी बीजेपी नेता को भारी पड़ गई। असम बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य और तीन तलाक के खिलाफ पार्टी का चेहरा रहीं बेनजीर अरफां को रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन वाले कैंप में शामिल होने पर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। 2012 से बीजेपी के साथ जुड़ी बेनजीर का कहना है कि गुरुवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने उन्हें पार्टी से निष्कासित करते हुए वॉट्सऐप पर सस्पेंसन लेटर भेजा। 

bjp has suspended partys active campaigner against triple talaq on charges of flagging rohangiya issue बेनजीर ने 2016 में असम के जैनिया सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गईं। पार्टी से निकाले जाने से आहत बेनजीर ने कहा कि मुझे अपनी सफाई देने के लिए भी मौका नहीं दिया गया। उन्होंने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, 'मैं तीन तलाक की पीड़ित हूं। पीएम के इस कैंपेन में हमेशा खड़ी रही लेकिन मेरी पार्टी ने मुझे सफाई का मौका दिए बिना ही तलाक दे दिया।'
मीडिया से बात करते हुए बेनजीर अरफां ने कहा कि जो सस्पेंसन लेटर उन्हें मिला है उसमें लिखा गया है, 'किसी दूसरी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम जो रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन के लिए था उसमें आपने बिना पार्टी की मर्जी से हिस्सा लिया। ऐसा करना पार्टी के नियमों को तोड़ना है जिस कारण आपको तत्काल प्रभाव से पार्टी से बर्खास्त किया जाता है।'

बेनजीर का कहना है कि इस कार्यक्रम के बहाने मुझ पर निशाना साधा जा रहा है। बेनजीर का आरोप है कि कुछ स्थानीय बीजेपी नेताओं को उनकी कार्यशैली पसंद नहीं आ रही थी इसलिए उन्हें इस छोटे से मुद्दे को लेकर बलि का बकरा बनाया गया है।
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यह कहाँ का इन्साफ : 1 VIP के लिए 3 और 663 लोगों के लिए 1 पुलिसकर्मी तैनात


नई दिल्ली: सरकार के दावों और बार-बार वीआईपी कल्चर खत्म करने की बातों के बीच हकीकत आज भी कुछ और ही नजर आती है। भारत में वीआईपी संस्कृति अभी भी कायम है। इसका अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि देश के 20 हजार वीआईपी की सुरक्षा में लगभग 3 पुलिसकर्मी हैं लेकिन 663 आम लोगों पर सिर्फ 1 पुलिसकर्मी है। 


Image result for modiहालिया आंकड़ों के अनुसार, '20,000 वीआईपी की सुरक्षा के लिए औसतन 3 पुलिसकर्मी हैं। इसके ठीक उलट आम जनता की हिफाजत के लिए पुलिसकर्मियों की भारी कमी है।' ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट (बीपीआरऐंडडी) ने गृह मंत्रालय की ओर से यह डेटा तैयार किया है। इन आंकड़ों के अनुसार, 'इस वक्त देश में 19.26 लाख पुलिसकर्मी हैं। इनमें से 56,944 पुलिसकर्मी 20,828 लोगों की सुरक्षा के लिए तैनात हैं।' 

बीपीआरऐंडडी की रिसर्च के अनुसार, 'भारत के 29 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में वीआईपी के लिए तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या औसतन 2.73 है। लक्षद्वीप देश का अकेला संघशासित प्रदेश है जहां किसी भी वीआईपी की सुरक्षा में पुलिसकर्मी तैनात नहीं हैं।'
आम जनता के लिए भारत आज भी विश्व का सबसे कम पुलिसकर्मियों वाला देश है। भारत में 663 लोगों पर 1 पुलिसकर्मी है। जान-माल के खतरे से अधिक अपने साथ एक पुलिसकर्मी को सुरक्षा के लिए रखना लोगों के बीच अब एक फैशन स्टेटमेंट की तरह है। केंद्र सरकार की तरफ से इस प्रवृति को खत्म करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। लाल बत्ती प्रतिबंधित करना ऐसा ही एक कदम है। इसके बावजूद राज्य सरकारें किसी व्यक्ति को पुलिस सुरक्षा देने के लिए अपने नियम बना लेती है। जिन लोगों को पुलिस सुरक्षा मिल रही है उनमें से ज्यादातर अपनी जान को खतरा ही कारण देते हैं। 

बीपीआरऐंडडी के अनुसार, 'वीआईपी संस्कृति की जड़ें पूर्वी और उत्तर भारत में और ज्यादा गहरी हैं। बिहार का आम जनता के लिए पुलिसकर्मियों की नियुक्ति का अनुपात सबसे खराब है। बिहार में 3,200 वीआईपी की सुरक्षा के लिए 6,248 पुलिसकर्मी तैनात हैं। पश्चिम बंगाल भी इस लिहाज से पीछे नहीं है। बंगाल में 2,207 वीआई हैं और उनकी सुरक्षा के लिए 4,233 पुलिसकर्मी तैनात हैं। बता दें कि बंगाल में वीआईपी सुरक्षा के लिए नियमों के तहत सिर्फ 501 पुलिसकर्मी ही नियुक्त करने का प्रावधान है।'

Sunday, September 17, 2017

पशुप्रेमियों से भिड़े गोरक्षक, इलाज से रोका

पुणे
गोरक्षा के नाम पर तथाकथित गोरक्षक अब पशुप्रेमियों और पशु अधिकार कार्यकर्ताओं को भी निशाना बनाने लगे हैं। पुणे में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें घायल बछड़े के इलाज के लिए गए रेस्क्यू चैरिटेबल ट्रस्ट के वॉलनटिअर्स को न सिर्फ गोरक्षकों ने रेस्क्यू से रोका बल्कि पुलिस को भी बुला लिया। ऐसे में काफी देर तक रेस्क्यू टीम को बेवजह परेशान होना पड़ा। 

ट्रस्ट की संस्थापक नेहा पंचामिया ने बताया कि शुक्रवार रात करीब 9.45 बजे पशु कार्यकर्ता मनोज ओसवाल ने फोन पर जानकारी दी कि पार्वती में शाहू कॉलेज के पास एक बछड़ा घायल अवस्था में है। नेहा ने बताया, 'हम टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जैसे ही बछड़े और गाय को ऐम्बुलेंस में लादना शुरू किया, गोरक्षकों का एक समूह वहां आ धमका और वे हम पर गाय पकड़ने का आरोप लगाते हुए भिड़ गए। हमने उन्हें समझाने की कोशिश की कि हम सिर्फ इलाज के लिए बछड़े और गाय को ले जा रहे हैं लेकिन वे नहीं माने और हम पर चिल्लाते रहे और हमें अपशब्द भी कहे। इसके बाद हमने वहां से चले जाना ही बेहतर समझा।'

नेहा ने बताया कि कुछ देर बाद ही उसी क्षेत्र से एक और बछड़े के घायल होने की सूचना मिली। रात के करीब 12.30 बजे जब हम वहां अपनी टीम के साथ पहुंचे तो 30 से अधिक लोग जो खुद को गौरक्षक बता रहे थे वहां आ धमके। इस बार उनके साथ करीब 15 पुलिसकर्मी भी थे। इसके बाद हमने पुलिस को पूरी जानकारी दी। इस बीच गौरक्षा के नाम पर जुटे सभी गोरक्षक भाग निकले। 
 people, who came to save the bull prevented by gaurakshakनेहा ने कहा कि पिछली रात गोरक्षा के नाम पर जिस तरह से उनके और वॉलनटिअर्स के सामने परिस्थितियां पैदा हुईं उसे देखते हुए आगे कहीं भी रेस्क्यू के लिए अपने वॉलनटिअर्स को भेजने से पहले उन्हें कई बार सोचना होगा। वहीं सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर अनिल पाटिल का कहना है कि यह सिर्फ गलतफहमी के कारण हुआ है। गोरक्षक सदस्यों को लगा कि कोई गाय को चुरा कर ले जा रहा है इसलिए उन्होंने आपत्ति जताई थी। उन्होंने हमें कंट्रोल रूम में फोन करके भी जानकारी दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उन्हें रेस्क्यू टीम के बारे में बताया और उसके बाद मामला खत्म हो गया। हालांकि गोरक्षक कहां से आए थे और वे कौन लोग थे, इस बारे में पुलिस को कोई जानकारी नहीं है। 

सब्जियां चुराने पर दलित की पीट-पीटकर हत्या! योगीराज


dalit allegedly lynched for stealing vegetable in shahjahanpur

शाहजहांपुर
यूपी में एक दलित की कथित रूप से सब्जियां चुराने पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। आरोप है कि शनिवार सुबह 48 वर्षीय सुकई लाल पासी एक किसान के खेत से परवल चुरा रहा था। उसी वक्त किसान और उसके परिवार ने उसे रंगे हाथ चोरी करते हुए पकड़ लिया और उसकी बेरहमी से पिटाई की।

जब पीड़ित के परिजन पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराने पहुंचे तो पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से भी मना कर दिया। ऐसे में पीड़ित परिवार और गांववालों ने थाने के सामने विरोध-प्रदर्शन किया तब जाकर अधिकारियों की नींद खुली। आननफानन में वरिष्ठ अधिकारियों ने धौरहरा पुलिस स्टेशन के इंचार्ज ब्रिजेश कुमार त्रिपाठी को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया। इसके बाद जाकर पुलिस ने मर्डर (आईपीसी) और एससी/एसटी एक्ट के तहत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। 
यह घटना लखीमपुर खीरी के केशवपुर कला गांव की है। सुकई लाल पासी के घर में उसकी पत्नी के अलावा पांच बेटियां और एक बेटा है। वह मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। अब सुकई की मौत के बाद उसके परिवार का बुरा हाल है।

मोहर्रम में 24 घंटे बिजली देने की मांग - वरिष्ठ नेता ग़ुलाम अब्बास (किट्टी)

तहसील नौगावा सादातनगर नौगावां सादात में हर वर्ष कर्बला में होने वाले शहीदों (इमाम हुसैन एवं उनके समर्थको) की याद में अज़ादारी की जाती है इस्लामिक महीने के प्रथम माह मोहर्रम में होने वाले आयोजनों को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता ग़ुलाम अब्बास (किट्टी) ने नगर में सफाई एवं सुरक्षा एवं 24 घंटे बिजली देने के लिए अधिकारीयों को ज्ञापन सोंपा 

Thursday, September 14, 2017

महंगाई दर बढ़कर हुई 3.24 फीसदी फिर भी मोदी सरकार विकास का नारा लगा रही है

wholesale price index based inflation rises sharply to over 3 percent
नई दिल्ली : प्याज समेत सब्जियों और अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेजी के चलते अगस्त महीने में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर चार महीने के उच्च स्तर 3.24 प्रतिशत पर पहुंच गई। थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति जुलाई 2017 में 1.88 प्रतिशत और अगस्त 2016 में 1.09 प्रतिशत थी। इससे पहले अप्रैल में मुद्रास्फीति में इस तरह की तेजी देखने को मिली थी जब यह 3.85 प्रतिशत रही।

सरकार द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अगस्त महीने में खाद्य पदाथों की कीमतें सालाना आधार पर 5.75 प्रतिशत बढ़ी जो जुलाई में 2.15 प्रतिशत रही थी। आलोच्य महीने में सब्जियों के दाम 44.91 प्रतिशत बढ़े जबकि जुलाई में यह वृद्धि दर 21.95 प्रतिशत रही थी। इस दौरान प्याज के दाम 88.46 प्रतिशत बढ़े, जबकि पूर्व महीने में इसमें 9.50 प्रतिशत की गिरावट आई थी। 

विनिर्माण उत्पादों की मुद्रास्फीति अगस्त में 2.45 प्रतिशत बढ़ी, जबकि जुलाई में इसमें 2.18 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई थी। ईंधन और बिजली खंड की मुद्रास्फीति इस दौरान 9.99 प्रतिशत हो गई। वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल के दाम में तेजी के बीच पेट्रोल और डीजल के दामों में उछाल के चलते ईंधन मुद्रास्फीति बढ़ रही है।
घरेलू उत्पादन कम रहने के कारण बिजली की शुल्क दरों में तेजी आई। सब्जियों के अलावा दाल, फल (7.35 प्रतिशत), अंडा, मीट और मछली (3.93 प्रतिशत), अनाज 0.21 प्रतिशत व धान 2.70 प्रतिशत की तेजी आई। जून महीने के लिए थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के अंतिम आंकड़े में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसी सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त महीने में पांच महीने के उच्च स्तर 3.36 प्रतिशत पर रही। 

पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर लोग मोदी की सोशल मीडिया पर बन रहा मजाक

गाड़ी से महंगा पेट्रोल...
अभी से डाल लो...
कैसे-कैसे लोग...
लोग सर्वे भी कर रहे हैं...
यह सही रहेगा...
खुफिया प्लान...
लौटा दो...
आयुर्वेदिक पेट्रोल...
अमित शाह कहिन...

भ्रष्ट मदरसा संचालों कि सीबीआई जाचं हो - गुलाम अब्बास (किट्टी)


नौगावा सादात: जैसे ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रदेश के 46 मदरसों को सरकारी मदद पर रोक लगा दी है वैसे ही चारों तरफ से बयान आने प्राम्भ हो गए हैं 
कोई समर्थन में बोल रहा है तो कोई इस कार्रवाई को धर्म से जोड़ कर देख रहा है हम ने इस कार्रवाई को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाम अब्बास किट्टी से बात की उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस फेसले की तारीफ की है उनका कहना है कि इस में दो राए नहीं की इस पेसले के बाद शिक्षकों को आर्थिक कठनाइयों का सामना अवश्य करना पड़ेगा परन्तु सत्य यह यह भी है की मदरसे में सरकारी नियुक्ति करने के लिए रिश्वत 2 – 7 लाख रु लिए जाते हैं  एवं नियुक्ति होने के बाद उनके वेतन से 10%-25%  काटने के बाद शिक्षकों को वेतन दिया जाता है जो की बिल्कुल ठीक नहीं है यह एक अत्याचार है 
भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाम का कहना है कि पिछली सरकार में मदरसों को चलाने वालों ने सरकारी पैसों का खूब दुरूपयोग किया है गुलाम का कहना है की तहसील नौगावा सादात में एक मदरसे ने तो इन 5 वर्षों में मदरसे  के नाम पर जनता एवं सरकार को चूना लगाने का काम किया है 
आगे कहते हैं कि सवाल तो यह है कि मदरसा संचालकों के पास करोड़ो रु की संपत्ति कहाँ से आई  मदरसा संचालकों के पास कई सौ बीघा जमीने हैं आखिर मदरसा संचालकों के नाम पर इतनी  संपत्ति कहाँ से आई सच तो यह है की मदरसे के नाम पर आने वाला अनुदान चाहे वो सरकार से आता हो या जनता अपनी ख़ुशी से सवाब कि नियत से मदरसे को चंदा देती हो उस करोड़ो रु को मदरसे में न लगा कर अपने परिवार पर खर्च करते हैं जो कि खुला भ्रष्टाचार है जिस पर उचित जाच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से की जानी चाहिये 
भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाम अब्बास किट्टी का कहना है की उत्तर प्रदेश सरकार  560 मदरसों को अनुदान देती है. उनमें से उन 46 मदरसों को सरकारी मदद पर रोक लगा दी गई है जिन पर शासन की जांच रिपोर्ट में मानक के अनुरूप मदरसों में कमी पाई गई है इस लिए योगी सरकार के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं  

"शाही खाना" बासमती चावल, बिरयानी चावल Naugawan City Center (NCC) (नौगावा सिटी सेंटर) पर मुनासिब दामों पर मिल रहे हैं।

White Shahi Khana Basmati Rice, Plastic Bag,  ₹ 75 / kg  शाही खाना बासमती चावल, NOORE JANNAT, GLAXY,NWAZISH बिरयानी चावल  Naugawan City Cent...