Monday, July 6, 2020

UP- 15 जुलाई से ऑनलाइन पढ़ाई शुरू। सवाल है कि कितने अभिभावकों पास मोबाइल और इंटरनेट की सुविधा है?

महामारी कोविड-19 के चलते देश में आर्थिक स्थिति की हानि के अलावा देश में शिक्षा क्षेत्र में बहुत बड़ी हानि हुई है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने जल्द ही माध्यमिक शिक्षा परिषद के सभी स्कूलों को खोले जाने की अनुमति दी है और ऑनलाइन  कक्षाएं चलाने के लिए दिशा निर्देश दिए हैं, परंतु  सवाल यह है कि कितने लोगों के पास इंटरनेट की सुविधा है और कितने लोगों के पास मल्टीमीडिया मोबाइल मौजूद है? सवाल यह भी है कि जिन अभिभावकों के पास मल्टीमीडिया मोबाइल नहीं है, इंटरनेट की सुविधा नहीं है। वह अपने बच्चों को किस प्रकार से शिक्षा ग्रहण करवाएंगे?
उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी शिक्षा बोर्ड के माध्यमिक विद्यालयों में ऑनलाइन शिक्षण और नए सत्र के प्रवेश के लिए प्रधानाचार्यों, शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मियों को 6 जुलाई से बुलाने की अनुमति दे दी है। विद्यालयों में स्टाल लगाकर किताबों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा फीस न देने वाले सामर्थ्यवान अभिभावकों से प्राथमिकता के आधार पर फीस वसूली जाएगी। आर्थिक कठिनाइयों के कारण असमर्थ अभिभावकों के प्रार्थना पत्र देने पर उनसे किश्तों में फीस वसूली जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने इस बारे में जारी आदेश में कहा है कि अनलॉक-2 में सत्र नियमित करने और छात्रों के व्यापक हित में माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों आदि को 6 जुलाई से बुलाये जाने की अनुमति दी गई है। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए विद्यालय भवन, फर्नीचर आदि को रोज पूर्णत: सैनिटाइज करना होगा। प्रवेश से पहले थर्मल स्कैनिंग की जाए। तापमान सामान्य से अधिक होने पर विद्यालय में प्रवेश न दिया जाए तथा इसकी सूचना सीएमओ को दी जाए। 

उन्होंने कहा है कि अभिभावक संघ की जल्दी बैठक बुलाकर उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की जानकारी दी जाए। अधिकारियों, प्रधानाचार्यों, शिक्षकों और विद्यार्थियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। प्रत्येक कक्षा के लिए प्रतिदिन कक्षावार व विषयवार समय सारिणी बना कर अधिकतम 15 जुलाई तक ऑनलाइन पढ़ाई प्रारम्भ कर दी जाए। लॉक डाउन की अवधि में परिवहन शुल्क न लिये जाने और शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए शुल्क वृद्धि न किये जाने संबंधी शासनादेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।

श्रीमती शुक्ला ने कहा है कि शुल्क जमा न करने के कारण किसी छात्र को ऑनलाइन पठन-पाठन से वंचित न किया जाए और न ही इस आधार पर किसी छात्र का नाम विद्यालय से काटा जाए।

Sunday, July 5, 2020

सऊदी अरब के दैनिक अखबार में सिस्तानी साहब का अपमान बर्दाश्त नहीं।

फ़ार्स इंटरनेशनल न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, लंदन स्थित सऊदी अख़बार अशरक-अल-अस्वत(asharq al awsat) ने शुक्रवार को अयातुल्ला सिस्तानी साहब का अपमानजनक स्केच प्रकाशित किया, जिसकी वजह से इराक के लोगों में गुस्सा है।
 इराक़ के संसदीय मोर्चे के प्रमुख हादी अल-अमीरी ने सऊदी अख़बार के माध्यम से जो आयतुल्लाह सिस्तानी साहब का अपमान किया है उसकी निंदा की है।
और इराक़ी संसद के सदस्य अहमद अल-असदी ने भी अपमान की निंदा की है   और उन्होंने दैनिक अखबार को सऊदीअरबिया, अमरीका और इसराइल का पिट्ठू बताया है।
सऊदी अरब के दैनिक अखबार के जरिए आयतुल्लाह सिस्तानी साहब का अपमानजनक चित्र बनाना सऊदी अरब, अमेरिका और इजरायल की मानसिकता को दर्शाता है।

File Photo

भारत और पाकिस्तान के बीच एक दूसरे के क़ैदियों की लिस्ट का आदान-प्रदान हुआ।

दोनों देशों ने एक-दूसरे के नागरिक कैदियों की सूची सौंपी।

 रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, देश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान में 324 भारतीय कैदी हैं, जिनमें 54 नागरिक और 270 मछुआरे शामिल हैं।  इन लोगों को पाकिस्तान की समुद्री सीमाओं का उल्लंघन करने के लिए कैद किया गया था।

 अखबार के सूत्रों के अनुसार, भारत ने नई दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायोग को एक समान सूची भी सौंपी।  भारत की सूची में 362 पाकिस्तानी कैदी हैं।

 गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 21 मई, 2008 को कॉन्सुलर एक्सेस समझौते के तहत दोनों पड़ोसी देश एक वर्ष में दो बार कैदियों की सूची एक-दूसरे को सौंपते हैं।  दोनों देश एक-दूसरे को हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को कैदियों की सूची सौंपते हैं।

 गौरतलब है कि दोनों देश आमतौर पर कैदियों की सूची के आदान-प्रदान के कुछ दिनों बाद एक-दूसरे के बंदी मछुआरों को रिहा कर देते हैं।

"शाही खाना" बासमती चावल, बिरयानी चावल Naugawan City Center (NCC) (नौगावा सिटी सेंटर) पर मुनासिब दामों पर मिल रहे हैं।

White Shahi Khana Basmati Rice, Plastic Bag,  ₹ 75 / kg  शाही खाना बासमती चावल, NOORE JANNAT, GLAXY,NWAZISH बिरयानी चावल  Naugawan City Cent...