Thursday, December 28, 2017

साध्वी प्रज्ञा-पुरोहित पर आतंकवाद की दफाएं पर चलेगा मुकदमा

राज्य ब्यूरो, मुंबई : मुंबई की एक विशेष एनआइए अदालत ने मालेगांव बम विस्फोटकांड की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर एवं लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित अन्य छह आरोपियों से मकोका एवं हथियार अधिनियम की धाराएं हटा ली हैं। अब उन पर सिर्फ भारतीय दंड संहिता एवं यूएपीए की धाराओं के तहत ही मुकदमा चलेगा।हालांकि अदालत ने साध्वी प्रज्ञा, कर्नल पुरोहित, समीर कुलकर्णी, रमेश उपाध्याय एवं सुधाकर द्विवेदी की आरोपमुक्त करने की याचिका ठुकरा दी है। विशेष एनआइए अदालत के निर्देशानुसार सभी आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) की धारा 16 (आतंकी गतिविधि को अंजाम देना) एवं धारा 18 (साजिश) के तहत नए आरोप तय किए जाएंगे। इसके साथ-साथ आइपीसी की भी कुछ धाराओं में इन पर मुकदमा चलेगा। दो आरोपियों राकेश धावड़े एवं जगदीश म्हात्रे पर सिर्फ हथियार अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा चलेगा। जबकि अदालत ने तीन आरोपियों प्रवीण टाकलकी, श्यामलाल शाहू एवं शिवनारायण कालसंगरा को विस्फोटकांड से बरी कर दिया है। मामले के ज्यादातर आरोपी जमानत पर बाहर हैं। पहले दिए गए जमानती बांड मुकदमा चलने के दौरान जारी रहेंगे। एनआइए अदालत में मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी को निर्धारित की गई है।
गौरतलब है कि 29 सितंबर, 2008 को नासिक के मालेगांव कस्बे में हुए दोहरे विस्फोटकांड में सात लोग मारे गए थे और करीब 100 लोग घायल हुए थे। ये विस्फोट एक मोटरसाइकिल के जरिए अंजाम दिए गए थे। वह मोटरसाइकिल साध्वी प्रज्ञा ने कुछ वर्ष पहले ही बेची थी। इसी आधार पर महाराष्ट्र एटीएस ने साध्वी प्रज्ञा को इस मामले में आरोपी बनाकर उसी वर्ष अक्टूबर में गिरफ्तार कर लिया था। 
जबकि लेफ्टीनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित को हिंदूवादी संगठन अभिनव भारत से संबद्ध होने के कारण एटीएस ने इस मामले में आरोपी बनाया था। प्रज्ञा और पुरोहित सहित मकोका के तहत आरोपी बनाए गए सभी आरोपियों से निचली अदालत भी एक बार मकोका हटा चुकी है। लेकिन बांबे उच्च न्यायालय ने सभी पर पुन: मकोका लगा दिया था। एनआइए के विशेष जज एस.डी.टेकले के अनुसार सभी आरोपियों से यूएपीए की धाराएं 17 (आतंकी गतिविधि के लिए धन इकट्ठा करना), 20 (आतंकी संगठन का सदस्य होना) एवं 23 (आतंकी संगठन से जुड़े किसी व्यक्ति की मदद करना) भी हटा ली गई हैं। 
एमसीओसीए (मकोका) महाराष्ट्र सरकार का एक ऐसा सख्त कानून है, जिसे पुलिस यह साबित होने के बाद ही लागू कर सकती है कि आरोपी संगठित गिरोह का सदस्य है, और अपराध किसी आर्थिक लाभ के उद्देश्य से किया गया है। मकोका लगने वाले आरोपी के विरुद्ध पिछले 10 साल में कम से कम दो आरोपपत्र भी दाखिल होने चाहिए। मकोका के तहत आरोपी बनने पर किसी व्यक्ति को आसानी से जमानत नहीं मिलती। मकोका आरोपी को पुलिस कम से कम 30 दिन तक अपनी हिरासत में रख सकती है। जबकि आइपीसी के तहत यह अवधि सिर्फ 14 दिन की है। मकोका आरोपी के विरुद्ध आरोपपत्र पेश करने की अधिकतम अवधि 180 दिन रखी गई है। जबकि आइपीसी के तहत पुलिस को अधिकतम 60 दिन या 90 दिन में आरोपपत्र पेश करना होता है। बता दें कि अब उत्तर प्रदेश सरकार भी मकोका की तर्ज पर यूपीकोका कानून बनाने की तैयारी कर रही है.


मोदी सरकार के खजाने में भारी चोट - GST की मार देश को नुकसान GST से घटा रेवेन्यू, उधार लेगी मोदी सरकार

नई दिल्ली 
जीएसटी लागू होने के बाद लगातार गिर रहा रेवेन्यू सरकार के लिए चिंता का कारण बना हुआ है। 2017-18 में राजकोषीय घाटा टारगेट को पार कर सकता है। इसे देखते हुए सरकार चालू वित्त वर्ष 2017-18 में 50 हजार करोड़ रुपये उधार लेगी। जनवरी से मार्च के बीच यह अतिरिक्त उधार लिया जाएगा, जिससे देश का राजकोषीय घाटा और बढ़ जाएगा। बुधवार को सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि जनवरी से मार्च के बीच गवर्नमेंट सिक्यॉरिटीज से 50 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त उधार लिया जाएगा।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि अगले वित्त वर्ष के उधारों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा और वह बजट 2017-18 के मुताबिक ही होगा। रिजर्व बैंक के साथ उधार कार्यक्रम रिव्यू करने के बाद यह तय किया गया है कि सरकार वित्त वर्ष 2017-18 में अतिरिक्त उधार लेगी जो डेटेड गवर्नमेंट सिक्यॉरिटीज से लिया जाएगा। 
इसके अलावा मार्च 2018 तक ट्रेजरी बिल्स को अभी के 86,203 करोड़ रुपये से घटाकर 25,006 करोड़ रुपये तक पहुंचाया जाएगा। ट्रेजरी या टी-बिल्स वह सिक्यॉरिटीज होती हैं, जिनकी मैच्यॉरिटी एक साल से भी कम होती है। वहीं दूसरी तरफ डेटेड सिक्यॉरिटीज की मैच्यॉरिटी 5 साल से ज्यादा होती है। 
जीएसटी कलेक्शन में गिरावट 
नवंबर में जीएसटी कलेक्शन लगातार दूसरे माह गिरकर 80,808 करोड़ रुपये रह गया। अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन 83 हजार रुपये था और 53,06 लाख रिटर्न फाइल किए गए थे। रेवन्यू में आ रही लगातार गिरावट सरकार के खजाने में भारी चोट पहुंचा रही है और राजकोषीय घाटे पर भी उसका बोझ पड़ रहा है। 

Wednesday, December 27, 2017

दाढ़ी रखने वाले मुस्लिम छात्रों को NCC कैम्प से निकला, इंदिरा गांधी या मनमोहन सिंह का राज नहीं है -एनसीसी हेड रजनीष

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के 11 स्टूडेंट्स ने शिकायत की है कि उन्हें एनसीसी कैंप से सिर्फ इसलिए निकाल दिया गया कि उन्होंने दाढ़ी रखी है। इन स्टूडेंट्स ने सोमवार को कैंपस में प्रोटेस्ट भी किया।
स्टूडेंट्स का आरोप है कि रोहिणी स्थित एनसीसी हेडक्वॉटर में 6 दिन विंटर कैंप अटेंड करने के बाद एनसीसी हेड रजनीष ने उन्हें रविवार को कैंप से निकलने का नोटिस दिया गया। जो स्टूडेंट्स बिना दाढ़ी के हैं, उनका कैंप जारी है।
स्टूडेंट्स का कहना है कि उनसे यह भी कहा गया कि इंदिरा गांधी या मनमोहन सिंह का राज नहीं चल रहा है।
स्टूडेंट्स ने सोमवार शाम वाइस चांसलर प्रो़ तलत अहमद से मुलाकात कर एनसीसी हेड पर सख्त कार्रवाई की मांग की। जामिया प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी और अगर वाकई ऐसा हुआ है तो एक्शन लिया जाएगा।
इस सबंध में छात्रों का कहना है कि हम ये कैंप पिछले 3 वर्षों से कर रहे हैं परंतु इस तरह का व्यवहार कभी नहीं किया गया. एलएलबी पहले वर्ष के छात्र दिलशाद अहमद ने कहा, ‘हमने आवेदन दिया था कि हम धार्मिक वजहों से दाढ़ी रखते हैं और हम पिछले दो सालों से अधिक समय से एनसीसी का हिस्सा हैं और हमसे कभी भी दाढ़ी हटाने को नहीं कहा गया।
वहीँ एक अन्य छात्र इमरान चौधरी का कहना है कि भारतीय संविधान या रक्षा सेवा , पुलिस प्रशासन मे इस तरह का कोई कानुन या नियम नहीं है . यह एक भेदभाव पूर्ण घटना है इस विधान के साथ खिलवाड़ है तथा व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन है।
छात्रों का आरोप है कि उन्हें अपमानित करने के साथ पुलिस कार्रवाई की भी धमकी दी गई. इस मामले में अब यूनिवर्सिटी का कहना है कि वह मामले की जांच कर पता लगाएगी कि कैम्प में क्या हुआ था।

जामिया की मीडिया संयोजक साइमा सईद ने कहा कि हमारा पहला उद्देश्य हमारे स्टूडेंट्स को सहयोग और कानूनी रूप से मदद देना है।

Tuesday, December 26, 2017

IS का विनाश करने में 23 हजार इराकी जवान शहीद हुए

मोसुल, आइएएनएस : इराक में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) की राजधानी मोसुल पर दोबारा कब्जा पाने में सुरक्षा बलों को नाकों चने चबाने पड़ गए। नौ महीने से ज्यादा चले भीषण संघर्ष में इराकी सुरक्षा बलों को 23 हजार जवान शहीद हुए । यह जानकारी इराकी संसद को दी गई है।  संसद की रक्षा मामलों की समिति के प्रमुख हाकिम अल-जामिली के अनुसार इस संघर्ष में करीब 70 हजार जवान घायल हुए। संघर्ष में मोसुल शहर बर्बाद हो गया जिससे करीब तीन अरब डॉलर (करीब 20,000 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ। संघर्ष के चलते मोसुल के लोगों को हुआ नुकसान इसके अतिरिक्त है। इस प्राचीन शहर पर आइएस ने 2014 में कब्जा किया था जो करीब तीन साल तक बना रहा। संसदीय समिति अब उन कारणों का पता लगा रही है जिनके चलते आतंकी संगठन इस शहर को अपना मुख्य ठिकाना बनाने में कामयाब रहा। इस सिलसिले में अभी कोई न्यायिक जांच नहीं की जा रही है। उल्लेखनीय है कि मोसुल हाथ से निकलने पर ही इराक में आइएस की कमर टूटी थी। सीरिया की सीमा के नजदीक स्थित इस शहर से कब्जा खत्म होने पर आइएस के लड़ाके पड़ोसी देश गए। वहां पर भी कुछ महीनों के बाद एक-एक करके इलाके हाथ से निकलते चले गए। सीरिया की राजधानी रक्का भी इसी दौर में आइएस के हाथ से निकल गई थी। इसी के बाद इराक और सीरिया से आइएस का खात्मा संभव हो सका।मोसुल, आइएएनएस : इराक में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) की राजधानी मोसुल पर दोबारा कब्जा पाने में सुरक्षा बलों को नाकों चने चबाने पड़ गए। नौ महीने से ज्यादा चले भीषण संघर्ष में इराकी सुरक्षा बलों को 23 हजार जवान गंवाने पड़े। यह जानकारी इराकी संसद को दी गई है। 1 संसद की रक्षा मामलों की समिति के प्रमुख हाकिम अल-जामिली के अनुसार इस संघर्ष में करीब 70 हजार जवान घायल हुए। संघर्ष में मोसुल शहर बर्बाद हो गया जिससे करीब तीन अरब डॉलर (करीब 20,000 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ। संघर्ष के चलते मोसुल के लोगों को हुआ नुकसान इसके अतिरिक्त है। इस प्राचीन शहर पर आइएस ने 2014 में कब्जा किया था जो करीब तीन साल तक बना रहा। संसदीय समिति अब उन कारणों का पता लगा रही है जिनके चलते आतंकी संगठन इस शहर को अपना मुख्य ठिकाना बनाने में कामयाब रहा। इस सिलसिले में अभी कोई न्यायिक जांच नहीं की जा रही है। उल्लेखनीय है कि मोसुल हाथ से निकलने पर ही इराक में आइएस की कमर टूटी थी। सीरिया की सीमा के नजदीक स्थित इस शहर से कब्जा खत्म होने पर आइएस के लड़ाके पड़ोसी देश गए। वहां पर भी कुछ महीनों के बाद एक-एक करके इलाके हाथ से निकलते चले गए। सीरिया की राजधानी रक्का भी इसी दौर में आइएस के हाथ से निकल गई थी। इसी के बाद इराक और सीरिया से आइएस का खात्मा संभव हो सका। 
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Monday, December 25, 2017

भारत का इजराईल के खिलाफ वोटिंग करना स्वागत योग्य

आज का सच , ब्यूरो
यह बहुत ख़ुशी की बात है कि येरूशलम को इजराईल की राजधानी बनाने के अमेरिकी फैसले की निंदा व फिलीस्तीन के हक में भारत सरकार की वोटिंग करना स्वागत योग्य कदम है ।  भारत सरकार ने अमेरिका के विरुद्ध वोटिंग कर देश के मुसलमानों के जज्बात का ध्यान रखा है।  केंद्र सरकार ने फिलीस्तीन के हक में वोटिंग कर भारत के  मुसलमानों के जज्बात का ख्याल रखा है।   अमेरिका की धमकियों के बावजूद इजराईल के खिलाफ वोटिंग करने वाले  भारत सरकार एवं 128 देशों का   भी आभार व्यक्त करते  है।   फिलीस्तीनी आवाम पर हो रहे जुल्म-ओ-सितम के खिलाफ पूरी तमाम देशों को  एकजुट होना चहिये ।   
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भेदभाव - 50,000 मदरसा टीचरों को केंद्र ने नहीं दी सैलरी


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रिपोर्ट - अंजु जायसवाल/शिवानी आजाद, आगरा/देहरादून 
देश के 16 राज्यों के 50,000 से अधिक मदरसा शिक्षकों को पिछले दो सालों से केंद्र की तरफ से सैलरी नहीं मिली है जिस वजह से वे अपना पद छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इनमें यूपी, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और झारखंड भी शामिल हैं जहां के मदरसा शिक्षकों को स्कीम फॉर प्रोवाइडिंग क्वॉलिटी एजुकेशन (SPQEM) के तहत केंद्र की तरफ से दिया जाने वाला सैलरी का हिस्सा नहीं मिला है।
SPQEM की शुरुआत मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा 2008-09 में मदरसाओं में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। इसके तहत मदरसा टीचरों को सैलरी का एक बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार की तरफ से मिलना था। ग्रैजुएट टीचर्स को 6,000 प्रतिमाह, जबकि पोस्ट ग्रैजुएट टीचर्स को 12,000 रुपये प्रतिमाह दिया जाता है, जो कि उनकी सैलरी का क्रमशः 75 और 80 प्रतिशत है। सैलरी का बाकी हिस्सा राज्य सरकारें देती हैं। 
मदरसा टीचर करेंगे प्रदर्शन 
अखिल भारतीय मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ (ABMASS) मुस्लिम राजा खान ने कहा, 'भारत में आधे मदरसा यूपी में है जिनमें 25,000 शिक्षक हैं। 16 राज्यों में शिक्षकों को केंद्र सरकार से दो सालों से सैलरी नहीं मिली। कुछ राज्यों में उन्हें तीन सालों से सैलरी नहीं दी गई। हमने 8 जनवरी को लखनऊ में प्रदर्शन का फैसला किया है।' 

यूपी मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता ने सैलरी न मिलने की पुष्टि करते हुए कहा, ' 2016-17 में 296.31 करोड़ रुपये केंद्र द्वारा जारी नहीं किए गए। 2017-18 में अब तक फंड जारी नहीं किया गया है।' 

Thursday, December 21, 2017

प्रदेश सरकार ने नगर पालिका क्षेत्र के 25 व्यवसाय का लाइसेंस शुल्क बढ़ा दिया है।


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अमरोहा: प्रदेश सरकार ने नगर पालिका क्षेत्र के 25 व्यवसाय का लाइसेंस शुल्क बढ़ा दिया है। 1अब प्रदेश सरकार ने नगरीय क्षेत्र में 25 व्यवसाय का लाइसेंस शुल्क बढ़ा दिया है। इन व्यवसाय का लाइसेंस लेने के लिए बढ़ा शुल्क जमा करना होगा तथा पूर्व में संचालित व्यवसाय को भी भविष्य में बढ़ा हुआ शुल्क अदा करना पड़ेगा। इस बारे में नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी विजेंद्र पाल सिंह ने बताया कि शासनादेश के तहत पालिका क्षेत्र में संचालित होने वाले व्यवसाय पर वार्षिक शुल्क बढ़ाया गया है। इनमें होटल लॉज, गेस्ट हाउस व बरात घरको पांच हजार, तीन सितारा होटल को नौ हजार पांच सितारा होटल को 12 हजार, बीस बेड के अस्पताल के लाइसेंस पर दो हजार, बीस बेड से अधिक के अस्पताल के लाइसेंस पर पांच हजार, बीस बेड के प्रसूति गृह पर चार हजार, बीस बेड से अधिक से प्रसूति गृह के लाइसेंस पर पांच हजार, प्राइवेट अस्पताल पांच हजार, पैथोलॉजी सेंटर के लाइसेंस का शुल्क एक हजार रुपये कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा एक्स-रे क्लीनिक दो हजार, डेंटल क्लीनिक चार हजार, प्राइवेट क्लीनिक तीन हजार, दो सीटर आटो रिक्शा 360 रुपये, चार सीटर आटो रिक्शा पांच सौ रुपये तथा सात सीटर रिक्शा का लाइसेंस शुल्क 720 रुपये है। इसके अलावा मिनी बस का 1500 रुपये, बस का 2500 रुपये, ट्राली का 150 रुपये तथा तांगा संचालन का लाइसेंस लेने का शुल्क मात्र 50 रुपये रखा गया है। 1फाइनेंस कंपनी, बीयर बार व देसी शराब की दुकान के लाइसेंस का शुल्क बढ़ा कर छह हजार रुपये कर दिया गया है। इंश्योरेंस कंपनी व विदेशी शराब की दुकान के लाइसेंस का शुल्क 12 हजार रुपये निर्धारित किया गया है। इओ ने बताया कि शासनादेश मिलने पर सभी व्यवसाय संचालकों को सूचीबद्ध किया जा रहा है। उन्हें नोटिस भेजा जाएगा। 


तेहरान और आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके

राजधानी तेहरान और उसके आस पास के इलाकों में बुधवार की रात भूकंप के झटके महसूस किये गये जिसके बाद लोगों में भय व आतंक फैल गया और लोग सड़कों पर निकल आए।

भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5 दशमलव 2 बतायी गयी है। भूकंप के झटके, " गीलान" " अलबुर्ज़" " क़ुम" प्रान्तों और  " क़ज़वीन" में महसूस किये गये। 

इस भूकंप का केन्द्र अलबुर्ज़ प्रान्त के केन्द्रीय नगर " करज" के दस किलोमीटर दक्षिण में था जो राजधानी तेहरान के पश्चिम में 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 

Image result for iranयह भूकंप स्थानीय समयानुसार 11 बजकर 27 मिनट पर आया। भूकंप 7 किलोमीटर ज़मीन की गहरायी में आया है। 

अभी तक किसी प्रकार के नुकसान की रिपोर्ट नहीं मिली है। 

सरकारी स्तर पर संबंधित विभागों को अलर्ट कर दिया गया है और लोगों से भी कहा गया है कि वह कुछ घंटें सुरक्षा उपायों पर ध्यान दें। 

हालिया दिनों में " किरमानशाह" और " किरमान" सहित ईरान के विभिन्न क्षेत्रों में भूकंप के कारण बहुत से लोग मारे गये हैं। 

Wednesday, December 20, 2017

31 लाख लोगों को बताए बिना एयरटेल पेमेंट बैंक में जमा कर लिए 167 करोड़ रुपये


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31 लाख 21 हजार ग्राहकों के 167 करोड़ रुपये एयरटेल पेमेंट्स बैंक में जमा कर दिए गए। खास बात यह है कि ग्राहकों को स्पष्ट जानकारी दिए बिना ही उनके बैंक अकाउंट्स खोले गए थे। इस कारण यूआईएडीएआई ने भारती एयरटेल और एयरटेल पेमेंट बैंक के लिए आधार से केवाईसी की प्रक्रिया पर रोक लगा दी। बहरहाल, इस रकम में 40 करोड़ रुपये हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, 39 करोड़ रुपये भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन जबकि 88 करोड़ रुपये इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन की ओर से जमा हुए थे।
जांच में पता चला कि एलपीजी सब्सिडी के पैसे एयरटेल पेमेंट्स बैंक में जमा हो रहे थे तो अधिकारियों को लगा कि ये पैसे ग्राहकों को वापस किया जाना चाहिए। दरअसल, यह रकम अनुचित तरीके जमा किए गए और इस प्रक्रिया में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के नियमों का भी उल्लंघन हुआ।

एयरटेल पेमेंट बैंक की चालाकी तब पकड़ में आई जब यूआईडीएआई ने एक ग्राहक की शिकायत पर जांच शुरू की। शिकायतकर्ता का आरोप था कि भारती एयरटेल ने बिना उसकी सहमति से न केवल बैंक अकाउंट खोल दिया बल्कि ऐसी व्यवस्था कर दी कि एलपीजी सब्सिडी की रकम इसी में जमा होने लगा।

एक अधिकारी ने कहा कि ग्राहकों के 167 करोड़ रुपये उनके नॉर्मल बैंक अकाउंट्स में जमा हो जाएं, यह सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को पेमेंट बैंक्स और वॉलिट्स में सब्सिडी की रकम जमा करना बंद करना चाहिए क्योंकि यूआईडीएआई की जांच में कुछ मामलों में कुकिंग गैस सब्सिडी को ग्राहकों से बिना पूछे एयरटेल पेमेंट बैंक्स में जमा कर दिए गए जबकि उन्होंने अपने नॉर्मल बैंक अकाउंट्स में सब्सिडी लाने के लिए आधार लिंक किए थे।

मामले की जांच के बाद यूआईडीएआई ने अपने अंतरिम आदेश में भारती एयरटेल और एयरटेल पेमेंट्स बैंक को सिम कार्ड्स और बैंक अकाउंट्स का आधार लिंक्ड ई-केवाईसी वेरिफिकेशन रोक दिया। यूआईडीएआई ने पाया कि आधार ई-केवाइसी के जरिए मोबाइल वेरिफिकेशन के दौरान एयरटेल रिटेलर्स एयरटेल पेमेंट बैंक में खाते भी खोल रहे थे।
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मोदी सरकार का आधार घोटाला : एयरटेल ने आधार मिसयूज कर 31 लाख मोबाइल ग्राहकों को लगाया चूना


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दूरसंचार कंपनी एयरटेल ने अपने ग्राहकों के एयरटेल पेमेंट्स बैंक खाते खोलने के मामले में 2.5 करोड़ रुपये का अंतरिम जुर्माना भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यूआईडीएआई के यहां जमा करवा दिए हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
कंपनी पर आरोप है कि उसने अपने मोबाइल ग्राहकों की उचित सहमति लिए बिना ही उनके खाते एयरटेल पेमेंट बैंक में खोल दिए। यूआईडीएआई ने इस मामले में कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की है।  
ऐसा माना जाता है कि कंपनी ने इसके साथ ही यह आश्वासन दिया है कि वह अपने 31 लाख मोबाइल ग्राहकों के इस तरह के पेमेंट बैंक खातों में आई 190 करोड़ रुपये की राशि उन्हें अगले 24 घंटे में लौटा देगी। कंपनी अपने ग्राहकों को सूचित करेगी कि उनके सब्सिडी को फिर से उसी खाते से जोड़ा जा रहा है जिसे उन्होंने मूल रूप से चुना था। 
जानकार सूत्रों ने कहा कि एयरटेल ने 2.5 करोड़ रुपये का अंतरिम जुर्माना बिना किसी शर्त के यूआईडीएआई को जमा करवा दिया है। सूत्र ने कहा, एयरटेल ने यह भी कहा है कि सभी 31 लाख ग्राहकों को एयरटेल यह सूचित करेगी कि उनकी सब्सिडी की राशि उस खाते में स्थानांतरित की जा रही है जिसे उन्होंने मूल रूप से चुना था। 
इस बीच अंतरिम जुर्माना जमा करवाए जाने के बारे में एयरटेल को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब कंपनी की ओर से नहीं आया। इस समूची प्रक्रिया के पूरी होने के बाद एयरटेल को इसकी सूचना यूआईडीएआई को देनी होगी और वह तब इस मामले में उचित रूप से विचार करेगा। 
गौरतलब है कि कि एयरटेल ने नैशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) को पत्र लिखकर सूचित किया कि वह उसके पेमेंटस बैंक खातों में आई एलपीजी सब्सिडी को अपने 31 लाख मोबाइल ग्राहकों के उनके पुराने खातों में लौटाएगी। देश में सभी खुदरा भुगतान के लिए एनपीसीआई प्रमुख संगठन है। 
भारती एयरटेल का पेमेंट्स बैंक भी है। कंपनी ने अपने मोबाइल ग्राहकों के आधार के जरिए उनके पेमेंट बैंक खाते खोले और उनको कोई विधिवत सूचना दिए बिना उनकी एलपीजी सब्सिडी को उनसे जोड़ दिया। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा भारती एयरटेल पर कार्रवाई किए जाने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने भी एयरटेल से उक्त एलपीजी सब्सिडी को सम्बद्ध लाभान्वितों के मूल खातों में डालने को कहा। 

सरनेम गांधी है इसी लिए दो बार सांसद बना : वरुण गांधी


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उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर अपने नाम में गांधी जुड़े होने से राजनीतिक फायदा होने की बात कही है। वरुण गांधी ने राजनीति में वंशवाद पर फिर हमला बोलते हुए, हैदराबाद में एक सेमिनार में कहा कि ‘गांधी’ सरनेम से युवा अवस्था में ही दो बार सांसद बनने में उन्हें काफी मदद मिली। गौरतलब है कि इससे पहले भी वरुण ने इस बात को कई बार कहा है।

वरुण बोले कि प्रभावशाली पिता या गॉडफादर के बिना राजनीति में जगह बनाना मुश्किल है। उन्होंने कहा, मैं आपके पास आया हूं और आप हमें सुन रहे हैं लेकिन तथ्य यह है कि मेरे नाम में अगर गांधी नहीं होता तो मैं दो बार सांसद नहीं बनता और आप मुझे सुनने के लिए यहां नहीं आते।

वरुण गांधी ने कहा कि कई प्रतिभाशाली युवा राजनीति से जुड़ नहीं पा रहे हैं और जगह नहीं बना पा रहे हैं क्योंकि उनके पास प्रभावशाली पिता या गॉडफादर नहीं है। वरुण गांधी ने असमानता पर भी कठोर टिप्पणी की थी। उन्होंने बताया कि पिछले 15 वर्षों में कम से कम 14 लाख किसान या आम लोगों को सिर्फ इसलिए जेल जाना पड़ा है कि वे 25 हजार रुपये का कर्ज नहीं चुका पाए थे।वहीं, दूसरी तरफ जिन धनी लोगों ने बैंकों का करोड़ों रुपये ले रखा है वे अपनी बेटियों की पूरी शान-शौकत से शादी करते हैं।

सूत्रों के मुताबिक मुस्लिम नेता हाजी जमीलुद्दीन का कहना है कि बीजेपी में वरुण को नजरअंदाज किया गया है, पार्टी में पीएम मोदी के अलावा और किसी को अपनी बात कहने का हक नहीं है। फिर भी वरुण ने लगातार अपनी बात को रखा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के कई समर्थकों ने यूपी सीएम के लिए वरुण का नाम आगे करने की मांग की थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। 

योगी सरकार में नहीं मानने देंगे क्रिसमस - हिंदू जागरण मंच

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अलीगढ़ में क्रिसमस मनाने को लेकर हिंदू जागरण मंच ने स्कूलों को धमकी भरा पत्र लिखा है। मंच ने क्रिश्चियन स्कूलों पर क्रिसमस के जरिए ईसाई धर्म को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।

पत्र में हिंदू जागरण मंच ने लिखा है कि स्कूलों में ईसाई बच्चों की संख्या बेहद कम होने के बावजूद 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाया जाता है। इस मौके पर कार्यक्रमों के जरिए स्कूलों में आने वाले हिंदू बच्चों अनिवार्य रूप से शामिल किया जाता है।
मंच ने आरोप लगाया है कि स्कूल इस तरीके से ईसाई धर्म का प्रभाव हिंदू बच्चों पर डालने की कोशिश कर रहे हैं और उनकी मानसिकता को दूषित करने की साजिश रच रहे हैं।
मंच ने स्कूलों पर धर्मांतरण का हिस्सा बनने पर भी सवाल खड़े किए हैं। इस पत्र के सामने आने के बाद पुलिस-प्रशासन भी हरकत में आ गया है। अलीगढ़ प्रशासन ने इलाके के सभी क्रिश्चियन और मिशनरी स्कूलों के मैनेजमेंट से मुलाकात की है और उन्हें पूरे सहयोग का आश्वासन दिया है।

प्रशासन ने कहा है कि किसी को भी क्रिस्मस प्रोग्राम में दखल नहीं देने दी जाएगी। अलीगढ़ के एसएसपी ने बताया कि उन्हें अब तक इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है। हालांकि, मंच से जुड़े लोगों का कहना है कि उन्होंने ऐसे स्कूलों के लिए ये पत्र जारी किया है, जहां अनिवार्य रूप से हिंदू बच्चों को कार्यक्रम में शिरकत के लिए बुलाते हैं।

"शाही खाना" बासमती चावल, बिरयानी चावल Naugawan City Center (NCC) (नौगावा सिटी सेंटर) पर मुनासिब दामों पर मिल रहे हैं।

White Shahi Khana Basmati Rice, Plastic Bag,  ₹ 75 / kg  शाही खाना बासमती चावल, NOORE JANNAT, GLAXY,NWAZISH बिरयानी चावल  Naugawan City Cent...