Monday, December 21, 2020

क्या आप इंटेलिजेंस ऑफिसर बनना चाहते हैं? तो इंटेलीजेंस ब्यूरो में असिस्टेंट सेंट्रल इंटेलीजेंस ऑफिसर ग्रेड-2 के 2 हजार पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी होगया है

 MHA IB ACIO Recruitment 2020: केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन इंटेलीजेंस ब्यूरो में असिस्टेंट सेंट्रल इंटेलीजेंस ऑफिसर ग्रेड-2 के 2 हजार पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इन पदों के लिए भर्ती का नोटिफिकेशन अलग से पोर्टल पर उपलब्ध करवाया गया है। उम्मीदवार को आधिकारिक वेबसाइट पर नोटिफिकेशन का लिंक मिल जाएगा। नोटिफिकेशन चेक करने के लिए निचे डाइरेक्ट लिंक भी दिया गया है।  

 click here for official notification 

Education Qualification इंटेलीजेंस ब्यूरो में ग्रुप सी के इन 2000 पदों के लिए ऐसे उम्मीदवार आवेदन कर पाएंगे जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री या समकक्ष योग्यता उत्तीर्ण होना चाहिए। स्नातक के अंतिम वर्ष या सेमेस्टर के स्टूडेंट्स भी आवेदन कर पाएंगे बशर्ते उनका अंतिम परिणाम 9 जनवरी 2021 तक जारी हुआ होना चाहिए। इसके अतिरिक्त उम्मीदवारों की आयु 18 वर्ष से कम और 27 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। हालांकि, आरक्षित वर्गों (ओबीसी, एससी/एसटी) और अन्य के उम्मीदवारों के लिए अधिकतम आयु सीमा में सरकार के नियमानुसार छूट का प्रावधान किया गया है।



MHA IB ACIO Recruitment 2020 Notification वहीं, सम्बन्धित भर्ती के संक्षिप्त नोटिस के अनुसार, इंटेलीजेंस ब्यूरो में जनरल सेंट्रल सर्विस, ग्रुप सी (नॉन-गजेटेड, नॉन-मिनिस्ट्रियल) में कुल 2000 पदों पर भर्ती के लिए ‘असिस्टेंट सेंट्रल इंटेसीजेंस ऑफिसर – ग्रेड II / एग्जीक्यूटिव परीक्षा – 2020’ का आयोजन किया जाना है। इन पदों के लिए भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन अधिसूचना जारी होने के साथ ही शुरू होंगे और आवेदन प्रक्रिया के बारे में उम्मीदवार ऑफिशियल वेबसाइट, mha.gov.in पर चेक कर पाएंगे। वहीं, ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 9 जनवरी 2021 निर्धारित की गई है।

MHA IB ACIO Recruitment 2020: Notification for the recruitment of 2 thousand posts of Assistant Central Intelligence Officer Grade-2 in the Intelligence Bureau under the Union Ministry of Home Affairs has been issued.  Recruitment notification for these posts has been made available on the portal separately.  The candidate will get the link for the notification on the official website.  The below direct link is also given to check the notification.


click here for official notification 

 For these 2000 posts of Group C in the Education Qualification Intelligence Bureau, such candidates will be able to apply who must have passed a bachelor's degree or equivalent qualification from a recognized university.  Students of the final year or semester of graduation will also be able to apply provided their final result is released by 9 January 2021.  In addition, the age of the candidates should not be less than 18 years and not more than 27 years.  However, for the candidates belonging to reserved classes (OBC, SC / ST) and others, there is a provision for relaxation in the maximum age limit as per government rules.

 MHA IB ACIO Recruitment 2020 Notification Whereas, according to the related recruitment brief notice, 'Assistant Central Intelligence Officer - Grade II' for recruitment to a total of 2000 posts in General Central Service, Group C (Non-Gazetted, Non-Ministerial) in the Intelligence Bureau.  / Executive Examination - 2020 'to be conducted.  Online applications for recruitment for these posts will start with the release of notification and candidates will be able to check the official website, mha.gov.in about the application process.  At the same time, the last date for online application has been set as 9 January 2021.

Friday, December 18, 2020

हाथरस हत्याकांड ! अखिलेश यादव! भाजपा सरकार से बिना लड़े कुछ भी नहीं मिलता न इंसाफ़, न हक़.

 हाथरस हत्याकांड में अभियुक्त के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होने पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कर अपनी खुशी जाहिर की है। आइए आप भी पढ़ें कि किस तरह अखिलेश यादव ने सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साधा है।

‘हाथरस की बेटी’ के प्रति हुए अन्याय को लेकर अपनी नैतिकता की मौत के साथ अनैतिक भूमिका निभाने के लिए शोक प्रकट करने की ख़ातिर भाजपा के नेता एवं समर्थकों को कम-से-कम दो मिनट का मौन तो रखना चाहिए व स्वयं से क्षमा भी माँगनी चाहिए। आज हर बेटी-बहन वाले परिवार को थोड़ी शांति मिली है।


‘हाथरस कांड’ में उप्र की भाजपा सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी जनता, विपक्ष व सच्चे मीडिया के दबाव से सीबीआई जांच बैठानी ही पड़ी. अब पीड़िता के अंतिम बयान के आधार पर चारों अभियुक्तों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल हुई है. भाजपा सरकार से बिना लड़े कुछ भी नहीं मिलता न इंसाफ़, न हक़.

AAP Party के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता संजय सिंह बनेंगे मुख्‍यमंत्री पद का चेहरा होगे - यूपी AAP Party's National Spokesperson Sanjay Singh will be the face of the Chief Minister's post - U.P.

 उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान करने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।  गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में बताया गया कि पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्‍य संजय सिंह यूपी में मुख्यमंत्री पद का चेहरा रहेंगे।  आप की प्रदेश सचिव मीनाक्षी श्रीवास्‍तव और जिलाध्‍यक्ष भूपेंद्र जादौन ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी संजय सिंह को ही मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने की मांग की है।  पार्टी यूपी में भी पार्टी बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी।  इस मौके पर मीनाक्षी श्रीवास्तव को पार्टी की तरफ से गौतमबुद्धनगर जिला प्रभारी भी नियुक्त किया गया।


 बता दें कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है।  प्रदेश सचिव मीनाक्षी श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यकर्ताओं ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।  आम आदमी पार्टी यूपी में भी दिल्ली की तरफ मुफ्त बिजली-पानी, चिकित्सा आदि मुहैया कराएगी।  24 घंटे बिजली, मोहल्ला क्‍लीनिक, चमचमाते सरकारी स्कूल और महिला सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर कैमरा व रोजगार जैसे तमाम बुनियादी सुविधाएं भी दी जाएंगी।


The Aam Aadmi Party (AAP) has started preparations after announcing to contest the 2022 assembly elections in Uttar Pradesh.  In a press conference held on Thursday, it was told that the party's national spokesperson and Rajya Sabha member Sanjay Singh will be the face of the Chief Minister's post in UP.  AAP's state secretary Meenakshi Shrivastava and district president Bhupendra Jadoun said that party workers have also demanded to make Sanjay Singh the face of the chief minister.  The party will also contest elections in UP on the issue of electricity, water, health and education.  On this occasion, Meenakshi Srivastava was also appointed as the in-charge of the Gautam Buddha Nagar district on behalf of the party.


 Explain that the Aam Aadmi Party's national convenor and Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal has announced to contest the upcoming assembly elections in Uttar Pradesh.  State Secretary Meenakshi Srivastava said that the workers have started preparing for the election.  The Aam Aadmi Party will also provide free electricity, water, medical etc. towards Delhi in UP.  All basic facilities like 24-hour power, Mohalla clinic, glittering government schools and cameras and jobs for the security of women will be provided.

Thursday, December 17, 2020

गधे की लीद से मसाला बनाने वाली फैक्ट्री पकडी गई - फैक्ट्री का मालिक हिंदू युवा वाहिनी नेता गिरफ्तार


यूपी के हाथरस जिले में गधे की लीद और खतरनाक एसिड आदि का इस्तेमाल कर लोकल ब्रांडों के नकली मसाले बनाने वाली फैक्ट्री का पुलिस ने भांडाफोड़ किया हैं। मसाले में चांदी और अन्य बेशकीमती चीजों को मिलाकर तैयार करने का दावा किया जा रहा था। पुलिस के मुताबिक फैक्ट्री संचालक अनूप वार्ष्णेय को फिलहाल शांति भंग के तहत गिरफ्तार किया हैं। वह हिंदू युवा वाहिनी का उप मंडल प्रभारी है।

फैक्ट्री हाथरस कोतवाली के नवीपुर इलाके में संचालित थी। प्रशासन के ज्वाइंट मैजिस्ट्रेट पीपी मीणा के मुताबिक कुछ स्थानीय ब्रांडों के नाम पर पैक किए जा रहे 300 किलोग्राम से अधिक नकली मसाले छापे में बरामद किए छापे में नकली मसाले तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कई नुकसान देह तत्व जैसे गधे की लीद, भूसा, अखाद्य हानिकारक रंग के अलावा एसिड से भरे ड्रम मिले हैं। बरामद मिलावटी मसालों में पिसा धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी और गरम मसाला बनाया जा रहा था। काफी तादाद में मसाला बनाने के लिए एकत्र किया हुआ सामान भी मिला हैं। 

कराई जाएगी गहन जांच

खाद्य विभाग के अफसरों की माने तो मिलावटी मसाले लंबे वक्त तक खाने में इस्तेमाल करने पर स्वास्थ के लिए खतरनाक साबित होते हैं। अब देखना है कि यह मसाले कब से बन रहे थे और इनकी सप्लाई किस स्तर तक हो रही हैं। ताकि अलग अलग टीम बनाकर मिलावटी मसालों या अन्य माल को बरामद कर आमजन को नुकसान से बचाया जा सके।

  नहीं दिखा सके कोई कागजात

अधिकारियों के मुताबिक छापे के दौरान मौके पर विभिन्न ब्रांड के करीब 1000 खाली पैकेट और करीब 100 पैकेट भरे हुए मसालों के पाए गए। फैक्ट्री संचालक अनूप वार्ष्णेय बन रहे मसालों के ब्रांडों के लाइसेंस या उससे जुड़े कोई कागजात मौके पर दिखाने में नाकाम रहे हैं। जिसके बाद श्रेत्रीय एसडीएम ने फैक्ट्री को सील कर दिया। फैक्ट्री के संचालक  हिंदू युवा वाहिनी के नेता है। 


27 से अधिक सैंपल जांच के लिए भेजे

फैक्ट्री संचालक को फिलहाल शांति भंग की धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। 27 से अधिक नमूनों को जांच के लिए भेजा गया हैं। लैब से रिपोर्ट में मिलावट साबित होने के के बाद खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी।

सूत्र-  नवभारत टाइम्स।

राहुल गाधी बोले- अन्नदाता के साथ अन्नपूर्णा पर भी वार

 The Congress on Wednesday targeted the government for increasing the price of LPG. 

कांग्रेस ने रसोई गैस की कीमत में बढ़ोतरी को लेकर बुधवार को सरकार पर निशाना साधा। प्रमुख विपक्षी पार्टी ने यह कहते हुए बढ़ी हुई कीमतों को तत्काल वापस लेने की मांग की कि कोरोना महामारी और आर्थिक संकट के समय देश के आम लोगों को राहत मिले। कांग्रेस पार्टी ने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में बहुत ज्यादा गिरावट आई है तो फिर सरकार को मुनाफा कमाने के बजाय देश की जनता को इसका फायदा पहुंचाना चाहिए।  

राहुल गाधी बोले- अन्नदाता के साथ अन्नपूर्णा पर भी वार

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने #LPGPriceHike के साथ एक खबर का स्क्रीनशॉट लेकर ट्वीट किया, 'अन्नदाता के साथ अन्नपूर्णा पर भी वार, और कितना करोगे देश को लाचार! 

कोरोना की वैक्सीन यूपी में इसी महीने लग सकती है

  • UP सरकार ने जारी किया आदेश

कोरोना वैक्सीन को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने परिवार कल्याण विभाग से महानिदेशालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की दिसंबर और जनवरी की छुट्टियां रद्द कर दी है. सरकार का दावा है कि अगर वैक्सीन को मंजूरी मिल गई तो यूपी में इसी महीने से इसे लगाना शुरू कर दिया जाएगा. इसके लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. कोरोना वैक्सीन को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है. जगह-जगह सप्लाई चेन बनाने के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टियों पर भी कैंची चला दी गई है. उत्तर प्रदेश सरकार ने परिवार कल्याण विभाग से महानिदेशालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की दिसंबर और जनवरी की छुट्टियां रद्द कर दी हैं.


सरकार का दावा है कि अगर वैक्सीन को मंजूरी मिल गई तो यूपी में इसी महीने से इसे लगाना शुरू कर दिया जाएगा. इसके लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.  



परिवार कल्याण विभाग की ओर से बुधवार को जारी आदेश में कहा गया, 'कोरोना के रोकथाम के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, दिसंबर और जनवरी में कोरोना वायरस की वैक्सीन लगना प्रस्तावित है, जिसमें सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का सहयोग आवश्यक है. इसलिए फैसला लिया गया है कि सभी छुट्टियां रद्द कर दी जाएं

परिवार कल्याण विभाग ने अपने आदेश में कहा, 'महानिदेशालय के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी, जिनमें संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी मजदूर भी शामिल हैं, उनके पहले में स्वीकृत सारे अवकाशों को निरस्त किया जाता है. सभी कर्मचारी अपनी योगदान आख्या प्रस्तुत करें, वरना अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.'

वैक्सीन स्टोरेज सेंटर की तैयारी

यूपी, बिहार, राजस्थान समेत विभिन्न राज्यों की सरकार कोरोना वैक्सीन और टीकाकरण को लेकर अपने स्तर पर तैयारियां कर रही हैं. जिसमें कोल्ड चेन, स्टोरेज प्वाइंट जैसे बंदोबस्त किए जा रहे हैं. यूपी में भी वैक्सीनेशन (Vaccination) को लेकर हुई बैठक में मुख्य सचिव ने सभी जिलों में सुरक्षित तरीके से वैक्सीन के स्टोरेज और टीकाकरण का प्लान दो दिनों में देने को कहा है. यूपी सरकार सभी 75 जिलों में कोरोना वैक्सीन को स्टोर करने की तैयारी कर रही है. 

Saturday, December 12, 2020

कांग्रेस हाईकमान ने सैफ अली नकवी को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी! बनाए गए प्रदेश महासचिव

पहले की तुलना में तो उत्तर प्रदेश की टीम को कांग्रेस ने छोटा रखा है, लेकिन जरूरत के मुताबिक संगठन में धीरे-धीरे विस्तार किया जा रहा है। एक और आंशिक विस्तार करते हुए टीम प्रियंका में एक महासचिव और दो नए सचिव बनाए गए हैं। इनमें जातीय समीकरण साधने के साथ ही संगठन की ओर से कार्यकर्ताओं के अच्छे सम्मान-समायोजन की कोशिश भी नजर आई है।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के तीन नए पदाधिकारियों की घोषणा की गई। इनमें सैफ अली नकवी को प्रदेश महासचिव और ज्ञानेश शुक्ला व अभिमन्यु सिंह को सचिव बनाया गया है। लखीमपुर निवासी सैफ अली नकवी पूर्व सांसद जफर अली नकवी के पुत्र हैं और कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। वर्तमान में वह प्रदेश इकाई में सचिव के साथ गोंडा व बहराइच के प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। अब उनका कद बढ़ा दिया गया है

वहीं, सचिव बनाए गए अभिमन्यु सिंह संगठन के पुराने अनुभवी हैं। वह तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी, निर्मल खत्री और राज बब्बर के साथ भी प्रदेश सचिव रहे हैं। एक बार प्रशासन प्रभारी भी बनाए जा चुके हैं। फतेहपुर निवासी अभिमन्यु 2019 के लोकसभा चुनाव में टिकट के मजबूत दावेदार थे, लेकिन सपा छोड़कर कांग्रेस में आए पूर्व सांसद राकेश सचान टिकट पा गए थे।



इसी तरह ज्ञानेश शुक्ला का समायोजन किया गया है। वह युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे हैं और इस बार अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। प्रदेश के कुछ बड़े पदाधिकारी भी पैरवी कर रहे थे, लेकिन अध्यक्ष पद नहीं पा सके। अब उन्हें मुख्य संगठन में सचिव बनाकर सम्मान दिया गया है। कांग्रेस की प्रदेश इकाई में अब 13 महासचिव और 24 सचिव हैं।

Friday, December 11, 2020

किसान सरकार को झुकाना जानते हैं | जब किसानो ने मुख्यमंत्री को झुकाया - किसान आन्दोलन 2020

 हमारे देश में किसान को अन्दाता मन जाता है परन्तु आज हमारे वही किसान भाई नए कृषि कानूनों के खिलाफ 16 दिनो से  आंदोलन कर रहें हैं। किसानों और सरकार की लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। भारतीय किसान यूनियन ने तीनों कृषि बिलों को शुक्रवार को कोर्ट में चैलेंज किया। उनका कहना है कि इन कानूनों के चलते किसान कॉरपोरेट के लालच के आगे कमजोर होंगे। इससे पहले किसान ऐलान कर चुके कि अब देशभर में ट्रेनें रोकेंगे। परन्तु केंद्र सरकार की नींद नहीं खुल रही है 

भारत का किसान हमेशा से जिद्दी और अपनी आन बान के लिए जाना जाता है 

केंद्र सरकार की हट भारत के किसान को और मजबूत बनती है जिसका अन्दाज़ा लगाया जा सकता है कि जब 1980 में केंद्र और उत्तरप्रदेश में कांग्रेस सरकार थी तब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलनों ने ज़ोर पकड़ लिया और सरकारों की नीतियों के खिलाफ लगातार किसान आंदोलन कर रहे थे। 

इन आंदोलनों की कमान एक ठेठ बुजुर्ग किसान स्व चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने संभाली हुई थी । महेंद्र सिंह टिकैत भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे 

ऐसा बताया जाता है कि करमुखेड़ी बिजलीघर पर किसान आंदोलन में गोली चल गई और 2 किसानों की मौत हो गयी । किसान आंदोलन ने बड़ा रूप ले लिया और लाखो की संख्या में किसान महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में जमा हो गए। 

इस आंदोलन की गूंज ना सिर्फ देश मे बल्कि विदेशों में भी सुनाई दी । विदेशी मीडिया भी इसे कवर करने पहुँची । महेंद्र सिंह टिकैत रातोंरात किसानों के भगवान बन चुके थे । किसानों में रोष था लेकिन वे शांति के साथ जमे बैठे थे। किसानों की ताकत का एहसास सरकार कर चुकी थी ।

11 अगस्त 1987 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह सिसौली में इसी क्रम में चल रही एक पंचायत में पहुँचे । किसान जहां भी पंचायत करते उनके पास गुड़गुड़ाने के लिए हुक्का जरुर होता । खाने पीने का इंतेजाम भी गांववाले आपस मे मिलकर कर लेते ।

पीने के लिए पानी करवों ( घड़ा) में होता और एक आदमी घड़ा हाथ मे उठाकर पानी गिराता जिसे मुँह को हाथ लगाकर किसान पानी पीते। इसे देहात में ओक से पानी पीना बोला जाता है।

मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह को प्यास लगी तो उन्होंने किसानो से पानी मांगा । किसानों ने उन्हें भी करवा ( घड़ा) उठाकर ओक से पानी पिला दिया । वीर बहादुर सिंह को ये खुद का अपमान लगा । जबकि किसानों के लिये इस तरह पानी पीना साधारण बात थी और यहाँ की रीतिरिवाजों में ये साधारणतः शामिल है।

मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह


उस घटना के बाद मुख्यमंत्री नाराज होकर वहां से चले गए । सरकार और किसानों में दूरियां और बढ़ गयी । बाद में केंद्र सरकार को इसमे हस्तक्षेप करना पड़ा और राजीव गांधी सरकार ने राजेश पायलट को इस किसान आंदोलन में भेजा । 

इस घटना से पता चलता है की किसान सरकार को झुकाना जानते हैं 


Tuesday, December 8, 2020

आज Bharat Bandh 2020 - पूरे देश से किसान आंदोलन को मिल रहा समर्थन

 कड़कड़ाती ठंड किसान सडको पर क्यों 

पिछले 12  दिनों से भी अधिक समय से भारत के विभिन्न हिस्सों में किसान मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन विवादित कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें पंजाब और हरियाणा के किसानों ने अग्रणी भूमिका निभाई है और वे इसके विरोध में कड़कड़ाती ठंड में भी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। किसानों का सरकार से मूलभूत सवाल यह है कि क्या किसी किसान आंदोलन में कभी भी यह तीन क़ानून बनाने की मांग उठी थी? क्या क़ानून बनाते समय किसी किसान संगठन से विचार विमर्श किया गया था? आख़िर क्यों आनन-फानन में कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के बीच इन क़ानूनों को लाया गया? यदि यह क़ानून किसानों के हित में है, तो क्यों कोई भी बड़ा किसान संगठन इसके पक्ष में नहीं है? वैसे तो भारत के केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समेत बीजेपी के तमाम नेता इन सवालों से बचने की कोशिश कर रहे हैं, हालांकि क़ानून को लेकर मोदी सरकार और किसान के बीच पांच राउंड की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई प्रभावी निष्कर्ष नहीं निकल पाया है। भारतीय किसानों की मांग है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को क़ानूनी अधिकार बनाए, ताकि कोई भी ट्रेडर या ख़रीददार किसानों से उनके उत्पाद एमएसपी से कम दाम पर न ख़रीद पाए। यदि कोई ऐसा करता है तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। भारतीय किसानों का आरोप है कि सरकार इन तीन क़ानूनों के ज़रिये एमएसपी एवं मंडियों की स्थापित व्यवस्था को ख़त्म करना चाह रही है, जिसका सीधा लाभ सिर्फ़ और सिर्फ़ बड़े उद्योगपतियों और ट्रेडर्स को होगा और इसके चलते किसान उनके रहम पर जीने पर विवश हो जाएंगे।

मोदी सरकार का दावा किसान को कोई नुकसान नही 

वैसे तो मोदी सरकार का दावा है कि वह इन तीनों नए क़ानूनों के ज़रिये किसानों के लिए एक विशाल कृषि बाज़ार तैयार कर रही है, जहां वह अपनी इच्छा के अनुसार अपनी पसंद की जगह पर बिक्री कर सकेंगे। इसके साथ ही भारत सरकार की दलील है कि एपीएमसी व्यवस्था में बिचौलियों के चलते किसानों का नुक़सान हो रहा था, इसलिए उन्होंने कृषि बाज़ार को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया है। हालांकि किसान एवं कृषि संगठन कहते हैं कि यह बात सही है कि एपीएमसी मंडियों में समस्याएं थीं, लेकिन उन्हें सुधारने के बजाय सरकार किसानों के सामने बहुत बड़ा संकट खड़ा कर रही है।

इस कानून से बड़े उद्योगपतियों और ट्रेडर्स को ही फ़ायदा

 इस नई व्यवस्था से बड़े उद्योगपतियों और ट्रेडर्स को ही फ़ायदा पहुंचने वाला है, किसानों को नहीं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि नए क़ानून के कारण यदि मंडियां ख़त्म होती हैं तो एमएसपी भी अपने आप अप्रासंगिक हो जाएगा। इन एपीएमसी मंडियों के बाहर भी ख़रीद-बिक्री के छोटे स्थानों पर उत्पादों के मूल्य मंडी भाव के आधार पर तय होते हैं। इस तरह किसानों को उचित दाम दिलाने में इन मंडियों की प्रमुख भूमिका है। इसलिए किसान मांग कर रहे हैं कि सरकार एक कानून लाए कि मंडी या मंडी से बाहर एमएसपी से नीचे की ख़रीद ग़ैरक़ानूनी होगी। कृषि विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि मोदी सरकार द्वारा बनाया गया नया क़ानून बड़े ट्रेडर्स को जमाखोरी की छूट देगा, जिससे वह मार्केट में इन चीज़ों की कमी करके रेट बढ़ाएंगे और मुनाफ़ा कमाएंगे। इससे ग़रीब एवं मध्यम वर्ग को नुक़सान होने की संभावना है।

 आज भारत बंद का आह्वान 

वहीं भारत की राजधानी दिल्ली के बॉर्डरों पर लाखों की संख्या में मोदी सरकार द्वारा बनाए गए विवादित नए कृषि क़ानून का का विरोध कर रहे किसानों ने पांच दौर की बातचीत से न निकलने वाले नतीजों को देखते हुए (आज) 8 दिसंबर मंगलवार को भारत बंद का आह्वान किया है। 

जानकारों का मानना है की सरकार वापस नही लेगी कानून 

जानकारों का मानना है कि मोदी सरकार किसानों से वादे तो कर सकती है लेकिन वह उन्हें लिखित आश्वासन नहीं देगी। वहीं किसानों का आरोप है कि अब तक मोदी सरकार ने जिस-जिस से जो वादा किया है उसको पूरा नहीं किया है इसलिए वह वादों के जाल में नहीं फंसना चाहते हैं और उनका कहना है कि हमे जवाब हां या नहीं में ही चाहिए। इस बीच कई टीकाकारों का यह भी कहना है कि 5 नवंबर को किसानों और केंद्र सरकार के बीच हुई बातचीत में कोई नतीजा निकल सकता था, लेकिन उसको जानबूझकर टाला गया है। टीकाकारों के अनुसार मोदी सरकार 8 दिसंबर को किसानों द्वारा भारत बंद की सफलता को देखना चाहती है। अगर भारत बंद का असर पूरे भारत में देखने को मिला तो मोदी सरकार ज़रूर थोड़ा पीछे हटेगी और किसानों को लिखित आश्वासन दे सकती है। जबकि कुछ जानकारों का यह भी कहना है कि मोदी सरकार के पास इस विवादित क़ानून को वापस लेने के अलावा अब कोई रास्ता नहीं बचा है। अगर केंद्र सरकार ने इस विवादित क़ानून को वापस नहीं लिया तो उसके हाथ से कई राज्य की सरकारें जा सकती हैं। वहीं भारत बंद का कांग्रेस सहित कई राजनीतिक पार्टियों ने भी समर्थन करने का एलान किया है। अब देखना है कि कृषि प्रधान देश भारत में किसानों और सरकार के बीच जारी संघर्ष में कौन विजयी होता है। जहां किसानों के साथ लड़ाई में भारत की आम जनता उनका साथ दे रही है वहीं मोदी सरकार के साथ गोदी मीडिया के नाम से जाना जाने वाला भारत का विशाल मीडिया तंत्र और इस देश के बड़े कॉर्पोरेट घराने खड़े दिखाई दे रहे हैं।







 

Sunday, December 6, 2020

नए कृषि क़ानूनों को वापस नहीं लिया जा सकता - भारत सरकार, आंदोलन कर रहे किसान अपनी इसी मांग पर डटे हुए हैं।

 भारत में कृषि क़ानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन शनिवार को दसवें दिन भी जारी रहा और सरकार से किसान संगठनों की पांचवें दौर की वार्ता भी हुई। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय वाणिज्‍य मंत्री पीयूष गोयल के साथ सरकार के अन्‍य प्रतिनिधि किसानों के साथ बैठक में मौजूद रहे। किसानों को संबोधित करते हुए भारत के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि तीनों क़ानूनों को पूरी तरह वापस नहीं लिया जा सकता लेकिन सरकार किसानों के सुझावों पर विचार करने, बातचीत करने और संशोधन करने को तैयार है। इस पर किसान नेताओं ने कहा क‍ि वे किसी भी संशोधन को स्‍वीकार करने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने बल दे कर कहा कि तीनों क़ानूनों को वापस लिया जाना चाहिए।



केंद्र की ओर से वार्ता की अगुवाई कर रहे तोमर ने कहा कि सरकार किसान नेताओं के साथ सौहार्दपूर्ण बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है और किसानों की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहती। सरकार से बातचीत के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि हमारे पास एक साल की सामग्री है और अगर सरकार चाहती है कि हम सड़क पर रहें, तो हमें कोई समस्या नहीं है। उन्‍होंने कहा कि हम कॉरपोरेट फ़ार्मिंग नहीं चाहते हैं, इन क़ानूनों से किसानों को नहीं, सरकार को फ़ायदा होगा इससे पहले आंदोलन कर रहे किसानों ने आठ दिसम्बर को भारत बंद का ऐलान किया था और चेतावनी दी थी कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो वे राष्ट्रीय राजधानी की तरफ़ जाने वाली सड़कों को बंद कर देंगे।

Friday, December 4, 2020

होशियार हो जाएं। आधार कार्ड बनाने के लिए अधिक फीस लेने वाले के ऊपर होगी कार्रवाई अधिक फीस लेने पर 1947 पर कॉल करके शिकायत कर सकते हैं।

 UIDAI की ओर से जानकारी दी गई है कि UIDAI आधार सेवाओं के लिए किसी भी एजेंसी की ओर से ज्यादा पैसे मांगे जाने के खिलाफ है. अगर कोई एजेंसी धारक आपसे ज्यादा पैसे मांगता है तो आप उसकी शिकायत uidai.gov.in पर मेल के जरिए या फिर 1947 नम्बर पर फोन करके कर सकते हैं.

 अगर आप आधार बनवाने या अपडेट कराने जाते हैं और आपसे एजेंसी धारक आधार सेवाओं के लिए ज्यादा पैसे मांग रहा है तो आप उसकी उसकी शिकायत कर सकते हैं. UIDAI की ओर से जानकारी दी गई है कि UIDAI आधार सेवाओं के लिए किसी भी एजेंसी की ओर से ज्यादा पैसे मांगे जाने के खिलाफ है. अगर कोई एजेंसी धारक आपसे ज्यादा पैसे मांगता है तो आप उसकी शिकायत uidai.gov.in पर मेल के जरिए या फिर 1947 नम्बर पर फोन करके कर सकते हैं. UIDAI ने सभी सेवाओं के लिए चार्ज तय कर रखें हैं. आइये इन चार्जेस के बारे में.


अधिकतम फीस 100 रुपये रखी गई है

 UIDAI की ओर से आधार अपडेट कराने या बायोमेट्रिक अपडेट कराने की अधिकतम फीस 100 रुपये रखी गई है.अगर आप आधार इनरोलमेंट कराने गए हैं तो आपको कोई शुल्क नहीं देना होगा.बच्चों के लिए आवश्यक बायोमेट्रिक अपडेट कराने के लिए एजेंसी वाला आपसे कोई शुल्क नहीं लेगा.आप अपना एड्रेस बदलवाते हैं या कोई डेमोग्रेफिक अपडेट कराते हैं तो आपको 50 रुपये फीस देनी होगी.UIDAI की ओर से एक बारकोड जारी किया गया है जिसे स्कैन करके आप सभी तरह की फीस के बारे में जान सकते हैं.

Tuesday, December 1, 2020

नोटा को सबसे ज्यादा मत मिलने पर चुनाव रद्द हो Petition to Supreme Court

 सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर चुनाव आयोग को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि अगर किसी निर्वाचन क्षेत्र में नोटा को सबसे अधिक मत मिलते हैं तो उस क्षेत्र के परिणाम रद्द कर दिए जाएं और नए सिरे से चुनाव कराए जाएं। 

यह याचिका भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर की गयी है। याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि रद्द हुए चुनाव के उम्मीदवारों को नए चुनाव में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाए।

वकील अश्विनी कुमार दुबे के जरिए दायर याचिका में कहा गया है कि न्यायालय यह घोषणा कर सकता है कि यदि 'इनमें से कोई नहीं (नोटा) को सबसे ज्यादा मत मिलते हैं, तो उस निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव को रद्द कर दिया जाएगा और छह महीने के भीतर नये सिरे से चुनाव कराए जाएं। इसके अलावा रद्द चुनाव के उम्मीदवारों को नए चुनाव में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

याचिका में कहा गया है कि कई बार राजनीतिक दल मतदाताओं से मशविरा किए बिना ही अलोकतांत्रिक तरीके से उम्मीदवारों का चयन करते हैं। इसीलिए कई बार निर्वाचन क्षेत्र के लोग पेश किए गए उम्मीदवारों से पूरी तरह असंतुष्ट होते हैं। याचिका के अनुसार, अगर सबसे अधिक मत नोटा को मिलते हैं तो इस समस्या का हल नए चुनाव से हो सकता है

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नोटा का अर्थ है- नन ऑफ द एबव, यानि इनमें से कोई नहीं। NOTA का उपयोग पहली बार भारत में 2009 में किया गया था। स्थानीय चुनावों में मतदाताओं को NOTA का विकल्प देने वाला छत्तीसगढ़ भारत का पहला राज्य था। NOTA बटन ने 2013 के विधानसभा चुनावों में चार राज्यों - छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान और मध्य प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली में अपनी शुरुआत की।] 2014 से नोटा पूरे देश मे लागू हुआ।[कृपया उद्धरण जोड़ें]भारत निर्वाचन आयोग ने दिसंबर २०१३ के विधानसभा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में इनमें से कोई नहीं अर्थात `नोटा`(नन ऑफ द एबव) बटन का विकल्प उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

2018 में नोटा को भारत में पहली बार उम्मीदवारों के समकक्ष दर्जा मिला। हरियाणा में दिसंबर २०१८ में पांच जिलों में होने वाले नगर निगम चुनावों के लिए हरियाणा चुनाव आयोग ने निर्णय लिया कि नोटा के विजयी रहने की स्थिति में सभी प्रत्याशी अयोग्य घोषित हो जाएंगे तथा चुनाव पुनः कराया जाएगा। हालांकि अभी भारत निर्वाचन आयोग ने इसे लागू नही किया है।


भारतीय आम चुनाव, 2019 में भारत में लगभग 1.04 प्रतिशत मतदाताओं ने उपरोक्त में से कोई नहीं (नोटा) के लिए मतदान किया, जिसमें बिहार 2.08 प्रतिशत नोटा मतदाताओं के साथ अग्रणी रहा।

"शाही खाना" बासमती चावल, बिरयानी चावल Naugawan City Center (NCC) (नौगावा सिटी सेंटर) पर मुनासिब दामों पर मिल रहे हैं।

White Shahi Khana Basmati Rice, Plastic Bag,  ₹ 75 / kg  शाही खाना बासमती चावल, NOORE JANNAT, GLAXY,NWAZISH बिरयानी चावल  Naugawan City Cent...