भारत में कृषि क़ानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन शनिवार को दसवें दिन भी जारी रहा और सरकार से किसान संगठनों की पांचवें दौर की वार्ता भी हुई। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ सरकार के अन्य प्रतिनिधि किसानों के साथ बैठक में मौजूद रहे। किसानों को संबोधित करते हुए भारत के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि तीनों क़ानूनों को पूरी तरह वापस नहीं लिया जा सकता लेकिन सरकार किसानों के सुझावों पर विचार करने, बातचीत करने और संशोधन करने को तैयार है। इस पर किसान नेताओं ने कहा कि वे किसी भी संशोधन को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने बल दे कर कहा कि तीनों क़ानूनों को वापस लिया जाना चाहिए।
केंद्र की ओर से वार्ता की अगुवाई कर रहे तोमर ने कहा कि सरकार किसान नेताओं के साथ सौहार्दपूर्ण बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है और किसानों की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहती। सरकार से बातचीत के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि हमारे पास एक साल की सामग्री है और अगर सरकार चाहती है कि हम सड़क पर रहें, तो हमें कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि हम कॉरपोरेट फ़ार्मिंग नहीं चाहते हैं, इन क़ानूनों से किसानों को नहीं, सरकार को फ़ायदा होगा इससे पहले आंदोलन कर रहे किसानों ने आठ दिसम्बर को भारत बंद का ऐलान किया था और चेतावनी दी थी कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो वे राष्ट्रीय राजधानी की तरफ़ जाने वाली सड़कों को बंद कर देंगे।
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