नौगावा सादात: जैसे ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रदेश के 46 मदरसों को सरकारी मदद पर रोक लगा दी है वैसे ही चारों तरफ से बयान आने प्राम्भ हो गए हैं
कोई समर्थन में बोल रहा है तो कोई इस कार्रवाई को धर्म से जोड़ कर देख रहा है हम ने इस कार्रवाई को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाम अब्बास किट्टी से बात की उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस फेसले की तारीफ की है उनका कहना है कि इस में दो राए नहीं की इस पेसले के बाद शिक्षकों को आर्थिक कठनाइयों का सामना अवश्य करना पड़ेगा परन्तु सत्य यह यह भी है की मदरसे में सरकारी नियुक्ति करने के लिए रिश्वत 2 – 7 लाख रु लिए जाते हैं एवं नियुक्ति होने के बाद उनके वेतन से 10%-25% काटने के बाद शिक्षकों को वेतन दिया जाता है जो की बिल्कुल ठीक नहीं है यह एक अत्याचार है
भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाम का कहना है कि पिछली सरकार में मदरसों को चलाने वालों ने सरकारी पैसों का खूब दुरूपयोग किया है गुलाम का कहना है की तहसील नौगावा सादात में एक मदरसे ने तो इन 5 वर्षों में मदरसे के नाम पर जनता एवं सरकार को चूना लगाने का काम किया है
आगे कहते हैं कि सवाल तो यह है कि मदरसा संचालकों के पास करोड़ो रु की संपत्ति कहाँ से आई मदरसा संचालकों के पास कई सौ बीघा जमीने हैं आखिर मदरसा संचालकों के नाम पर इतनी संपत्ति कहाँ से आई सच तो यह है की मदरसे के नाम पर आने वाला अनुदान चाहे वो सरकार से आता हो या जनता अपनी ख़ुशी से सवाब कि नियत से मदरसे को चंदा देती हो उस करोड़ो रु को मदरसे में न लगा कर अपने परिवार पर खर्च करते हैं जो कि खुला भ्रष्टाचार है जिस पर उचित जाच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से की जानी चाहिये
भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाम अब्बास किट्टी का कहना है की उत्तर प्रदेश सरकार 560 मदरसों को अनुदान देती है. उनमें से उन 46 मदरसों को सरकारी मदद पर रोक लगा दी गई है जिन पर शासन की जांच रिपोर्ट में मानक के अनुरूप मदरसों में कमी पाई गई है इस लिए योगी सरकार के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं
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