जामिया मिल्लिया इस्लामिया के 11 स्टूडेंट्स ने शिकायत की है कि उन्हें एनसीसी कैंप से
सिर्फ इसलिए निकाल दिया गया कि उन्होंने दाढ़ी रखी है। इन स्टूडेंट्स ने सोमवार को
कैंपस में प्रोटेस्ट भी किया।
स्टूडेंट्स का आरोप है कि रोहिणी स्थित एनसीसी हेडक्वॉटर में 6 दिन विंटर कैंप अटेंड करने
के बाद एनसीसी हेड रजनीष ने उन्हें रविवार को कैंप से निकलने का नोटिस दिया गया। जो
स्टूडेंट्स बिना दाढ़ी के हैं, उनका कैंप जारी है।
स्टूडेंट्स का कहना है कि उनसे यह भी कहा गया कि इंदिरा गांधी या मनमोहन सिंह का राज नहीं चल रहा है।
स्टूडेंट्स ने सोमवार शाम वाइस चांसलर प्रो़ तलत अहमद से मुलाकात कर एनसीसी हेड
पर सख्त कार्रवाई की मांग की। जामिया प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी
और अगर वाकई ऐसा हुआ है तो एक्शन लिया जाएगा।
इस सबंध में छात्रों का कहना है कि हम ये कैंप पिछले 3 वर्षों से कर रहे हैं परंतु इस तरह
का व्यवहार कभी नहीं किया गया. एलएलबी पहले वर्ष के छात्र दिलशाद अहमद ने कहा,
‘हमने आवेदन दिया था
कि हम धार्मिक वजहों से दाढ़ी रखते हैं और हम पिछले दो सालों से अधिक समय से एनसीसी
का हिस्सा हैं और हमसे कभी भी दाढ़ी हटाने को नहीं कहा गया।
वहीँ एक अन्य छात्र इमरान चौधरी का कहना है कि भारतीय संविधान या रक्षा सेवा ,
पुलिस प्रशासन मे इस
तरह का कोई कानुन या नियम नहीं है . यह एक भेदभाव पूर्ण घटना है इस विधान के साथ खिलवाड़
है तथा व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन है।
छात्रों का आरोप है कि उन्हें अपमानित करने के साथ पुलिस कार्रवाई की भी धमकी दी
गई. इस मामले में अब यूनिवर्सिटी का कहना है कि वह मामले की जांच कर पता लगाएगी कि
कैम्प में क्या हुआ था।
जामिया की मीडिया संयोजक साइमा सईद ने कहा कि हमारा पहला उद्देश्य हमारे स्टूडेंट्स
को सहयोग और कानूनी रूप से मदद देना है।
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