पत्र में हिंदू जागरण मंच ने लिखा है कि स्कूलों में ईसाई बच्चों की संख्या बेहद कम होने के बावजूद 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाया जाता है। इस मौके पर कार्यक्रमों के जरिए स्कूलों में आने वाले हिंदू बच्चों अनिवार्य रूप से शामिल किया जाता है।
मंच ने आरोप लगाया है कि स्कूल इस तरीके से ईसाई धर्म का प्रभाव हिंदू बच्चों पर डालने की कोशिश कर रहे हैं और उनकी मानसिकता को दूषित करने की साजिश रच रहे हैं।
मंच ने स्कूलों पर धर्मांतरण का हिस्सा बनने पर भी सवाल खड़े किए हैं। इस पत्र के सामने आने के बाद पुलिस-प्रशासन भी हरकत में आ गया है। अलीगढ़ प्रशासन ने इलाके के सभी क्रिश्चियन और मिशनरी स्कूलों के मैनेजमेंट से मुलाकात की है और उन्हें पूरे सहयोग का आश्वासन दिया है।
प्रशासन ने कहा है कि किसी को भी क्रिस्मस प्रोग्राम में दखल नहीं देने दी जाएगी। अलीगढ़ के एसएसपी ने बताया कि उन्हें अब तक इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है। हालांकि, मंच से जुड़े लोगों का कहना है कि उन्होंने ऐसे स्कूलों के लिए ये पत्र जारी किया है, जहां अनिवार्य रूप से हिंदू बच्चों को कार्यक्रम में शिरकत के लिए बुलाते हैं।
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