स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं को अब दोबारा कैंसर हो जाने के डर से बार-बार कीमोथेरेपी कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वैज्ञानिकों ने एक ऐसी जांच तकनीक विकसित की है जिसकी मदद से यह पता लग सकेगा कि रोगी को दोबारा कैंसर होने की संभावना कितनी है? इस जांच का नाम ऑनकोटाइप डी एक्स है जिसमें सर्जरी के वक्त निकाले गए ट्यूमर के नमूने की जांच की जाएगी। जांच के बाद कैंसर दोबारा होने की संभावना को दर्शाने के लिए एक से सौ के भीतर अंक दिए जाएंगे। यह टेस्ट हार्मोन के कारण होने वाले कैंसर के लिए असरकारक होगा। मालूम हो कि दुनिया में ज्यादातर महिलाएं हार्मोनल स्तन कैंसर से ही पीड़ित होती हैं। शोध में जर्मनी के बारह संस्थानों के चार हजार मरीजों का इस विधि से टेस्ट किया गया। यह टेस्ट स्तन कैंसर के साथ ही लसिका ग्रंथि के कैंसर से पीड़ित महिलाओं के लिए भी कारगर था। शोध में आए परिणामों से मालूम हुआ कि जिन मरीजों में कैंसर होने की संभावना सबसे कम थी उनमें से 98 फीसद बिना कीमोथेरेपी के भी पांच साल तक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर पाए। ’ आइएएनएस
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