पुणे
गोरक्षा के नाम पर तथाकथित गोरक्षक अब पशुप्रेमियों और पशु अधिकार कार्यकर्ताओं को भी निशाना बनाने लगे हैं। पुणे में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें घायल बछड़े के इलाज के लिए गए रेस्क्यू चैरिटेबल ट्रस्ट के वॉलनटिअर्स को न सिर्फ गोरक्षकों ने रेस्क्यू से रोका बल्कि पुलिस को भी बुला लिया। ऐसे में काफी देर तक रेस्क्यू टीम को बेवजह परेशान होना पड़ा।
ट्रस्ट की संस्थापक नेहा पंचामिया ने बताया कि शुक्रवार रात करीब 9.45 बजे पशु कार्यकर्ता मनोज ओसवाल ने फोन पर जानकारी दी कि पार्वती में शाहू कॉलेज के पास एक बछड़ा घायल अवस्था में है। नेहा ने बताया, 'हम टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जैसे ही बछड़े और गाय को ऐम्बुलेंस में लादना शुरू किया, गोरक्षकों का एक समूह वहां आ धमका और वे हम पर गाय पकड़ने का आरोप लगाते हुए भिड़ गए। हमने उन्हें समझाने की कोशिश की कि हम सिर्फ इलाज के लिए बछड़े और गाय को ले जा रहे हैं लेकिन वे नहीं माने और हम पर चिल्लाते रहे और हमें अपशब्द भी कहे। इसके बाद हमने वहां से चले जाना ही बेहतर समझा।'
नेहा ने बताया कि कुछ देर बाद ही उसी क्षेत्र से एक और बछड़े के घायल होने की सूचना मिली। रात के करीब 12.30 बजे जब हम वहां अपनी टीम के साथ पहुंचे तो 30 से अधिक लोग जो खुद को गौरक्षक बता रहे थे वहां आ धमके। इस बार उनके साथ करीब 15 पुलिसकर्मी भी थे। इसके बाद हमने पुलिस को पूरी जानकारी दी। इस बीच गौरक्षा के नाम पर जुटे सभी गोरक्षक भाग निकले।
नेहा ने कहा कि पिछली रात गोरक्षा के नाम पर जिस तरह से उनके और वॉलनटिअर्स के सामने परिस्थितियां पैदा हुईं उसे देखते हुए आगे कहीं भी रेस्क्यू के लिए अपने वॉलनटिअर्स को भेजने से पहले उन्हें कई बार सोचना होगा। वहीं सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर अनिल पाटिल का कहना है कि यह सिर्फ गलतफहमी के कारण हुआ है। गोरक्षक सदस्यों को लगा कि कोई गाय को चुरा कर ले जा रहा है इसलिए उन्होंने आपत्ति जताई थी। उन्होंने हमें कंट्रोल रूम में फोन करके भी जानकारी दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उन्हें रेस्क्यू टीम के बारे में बताया और उसके बाद मामला खत्म हो गया। हालांकि गोरक्षक कहां से आए थे और वे कौन लोग थे, इस बारे में पुलिस को कोई जानकारी नहीं है।
गोरक्षा के नाम पर तथाकथित गोरक्षक अब पशुप्रेमियों और पशु अधिकार कार्यकर्ताओं को भी निशाना बनाने लगे हैं। पुणे में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें घायल बछड़े के इलाज के लिए गए रेस्क्यू चैरिटेबल ट्रस्ट के वॉलनटिअर्स को न सिर्फ गोरक्षकों ने रेस्क्यू से रोका बल्कि पुलिस को भी बुला लिया। ऐसे में काफी देर तक रेस्क्यू टीम को बेवजह परेशान होना पड़ा।
ट्रस्ट की संस्थापक नेहा पंचामिया ने बताया कि शुक्रवार रात करीब 9.45 बजे पशु कार्यकर्ता मनोज ओसवाल ने फोन पर जानकारी दी कि पार्वती में शाहू कॉलेज के पास एक बछड़ा घायल अवस्था में है। नेहा ने बताया, 'हम टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जैसे ही बछड़े और गाय को ऐम्बुलेंस में लादना शुरू किया, गोरक्षकों का एक समूह वहां आ धमका और वे हम पर गाय पकड़ने का आरोप लगाते हुए भिड़ गए। हमने उन्हें समझाने की कोशिश की कि हम सिर्फ इलाज के लिए बछड़े और गाय को ले जा रहे हैं लेकिन वे नहीं माने और हम पर चिल्लाते रहे और हमें अपशब्द भी कहे। इसके बाद हमने वहां से चले जाना ही बेहतर समझा।'
नेहा ने बताया कि कुछ देर बाद ही उसी क्षेत्र से एक और बछड़े के घायल होने की सूचना मिली। रात के करीब 12.30 बजे जब हम वहां अपनी टीम के साथ पहुंचे तो 30 से अधिक लोग जो खुद को गौरक्षक बता रहे थे वहां आ धमके। इस बार उनके साथ करीब 15 पुलिसकर्मी भी थे। इसके बाद हमने पुलिस को पूरी जानकारी दी। इस बीच गौरक्षा के नाम पर जुटे सभी गोरक्षक भाग निकले।
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